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तमिल, बंगाली, मलयालम और पंजाबी का नववर्ष मेष संक्रांति से प्रारंभ

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हिंदू नववर्ष चैत्र प्रतिपदा से प्रारंभ होता है जिसे संपूर्ण देश में और हर राज्य में अलग अलग नामों से जाना जाता है। हिंदू नववर्ष को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और दक्षिण भारत में इसे युगादि और उगादि कहते हैं। सिंध प्रांत या सिंधी समाज में इसे चेटीचंड कहते हैं। आंध्र में यह पर्व उगादिनाम, जम्मू-कश्मीर में नवरेह, केरल में विशु, असम में रोंगली बिहू, मणिपुर आदि पूर्वोत्तर राज्य में सजिबु नोंगमा पानबा, मेइतेई चेइराओबा कहते हैं। बंगाल में नब बरस के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा कुछ राज्य ऐसे हैं जिनका अपना भी नववर्ष है, जो मेष संक्रांति से प्रारंभ होता है। मेष संक्रांति पर बंगाल में पोहेला बोइशाख, पंजाब में बैसाखी, ओडिशा में पाना संक्रांति, केरल मलयालम में विषु कनी, तमिल में पुथन्डु के नाम से नववर्ष प्रारंभ होता है।

खगोलशास्त्र के अनुसार मेष संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायन की आधी यात्रा पूर्ण कर लेते हैं। इस दिन से होता सौर माह प्रारंभ होता है। 14 अप्रैल 2025 को सौर मास प्रारंभ होगा। इसी दिन से हिंदू कैलेंडर का दूससरा माह वैशाख माह भी प्रारंभ होगा। सौरमास के नाम इस प्रकार है। मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मकर, मीन।

बंगाल: बंगाल में बैशाख माह के पहले दिन से बंगाली नववर्ष प्रारंभ होता है जिसे पोहेला बोइशाख कहते हैं। इस बार बंगाली युग 1432 प्रारम्भ होगा। पश्चिम बंगाल में मेष संक्रान्ति को नबा बरशा, नोबोबर्षो अथवा पोहेला बोइशाख के रूप में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल के साथ-साथ असम, त्रिपुरा तथा बांग्लादेश के बंगाली समुदायों के मध्य मनाया जाता है। असम में पोहेला बोइशाख को बिहू के रूप में मनाया जाता है। बिहू को असमिया नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है।

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केरल: भारत के केरल राज्य में, मेष संक्रान्ति को विषु पर्व के रूप में मनाया जाता है। मलयालम कैलेण्डर में, चिंगम माह के प्रथम दिवस पर नव वर्ष आरम्भ होता है। हालाँकि, मालाबार क्षेत्र के निवासी विषु को ज्योतिषीय नववर्ष मानते हैं। इसे विषुक्कणी या विषु कनी कहते हैं। विषु उत्सव का एक अन्य अनुष्ठान विषुकैनीट्टम है।

तमिल: तमिल नववर्ष को पुथन्डु कहते हैं। तमिल नव वर्ष को पुथुरूषम एवं वरुषा पिरप्पु के नाम से भी जाना जाता है। यह तमिल माह चिथिरई के प्रथम दिवस पर मनाया जाता है। यह भी मेष संक्रांति को आधार मानकर ही नववर्ष मनाते हैं।

पंजाब हरियाणा: पंजाब और हरियाणा में वैशाख माह के प्रथम दिन और मेष संक्रांति को आधार मानकर ही बैशाखी का पर्व मनाते हैं। वैशाखी पंजाब के हिंदू और सिखों का प्रमुख पर्व है। बैसाखी को सौर कैलेण्डर पर आधारित, सिख नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है।

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