उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज और एक शख्स राजू दुबे के बीच बातचीत हो रही है। राजू ने प्रिया से अपने इलाके के एक शिव मंदिर में सौर ऊर्जा की लाइट लगवाने की गुजारिश की, लेकिन प्रिया का जवाब सुनकर मामला गर्मा गया। इस ऑडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। आखिर क्या थी पूरी बातचीत और क्यों उठ रहे हैं सवाल? आइए, आपको बताते हैं पूरी कहानी।
मंदिर में लाइट की मांग और प्रिया का जवाबराजू दुबे नाम के एक शख्स ने सांसद प्रिया सरोज को फोन कर अपने इलाके के भोलेनाथ के सार्वजनिक मंदिर में सौर ऊर्जा की लाइट लगवाने की मांग की। उनका कहना था कि मंदिर में बिजली की सुविधा नहीं है और सांसद निधि से लाइट लगवाना एक बड़ा काम होगा। लेकिन प्रिया ने जवाब दिया कि सांसद निधि से किसी मंदिर या मस्जिद के नाम पर लाइट नहीं लगाई जा सकती। उनके मुताबिक, नियमों के तहत लाइट किसी व्यक्ति या संगठन के नाम पर लगाई जाती है, न कि किसी धार्मिक स्थान के नाम पर।
प्रिया ने आगे कहा कि वह अपने संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करती हैं, जिसमें तय होता है कि लाइट कहां लगाई जाएगी। उनके पास 400-500 आवेदन पेंडिंग हैं और 80 लाख रुपये की सांसद निधि में से प्राथमिकता के आधार पर काम होता है। राजू ने फिर सुझाव दिया कि लाइट उनके नाम पर मंदिर के पास लगवा दी जाए, लेकिन प्रिया ने कहा कि यह काम संगठन की मंजूरी के बाद ही होगा।
बातचीत ने लिया तीखा मोड़बातचीत के दौरान राजू ने कहा कि उनके इलाके में कोई काम नहीं हुआ है और प्रिया के संगठन के कार्यकर्ता उनके गांव तक नहीं पहुंचे। इस पर प्रिया ने जवाब दिया कि अगर राजू को लगता है कि वह काम नहीं कर रही हैं, तो वह बीजेपी से काम करवा लें। यह बात ऑडियो में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गई। प्रिया ने कहा कि वह अपने संगठन के सेक्टर इंचार्ज और बूथ अध्यक्षों के जरिए काम करती हैं, और अगर राजू को इनके बारे में जानकारी नहीं है, तो वह उनकी मदद कैसे कर सकती हैं?
सोशल मीडिया पर बवाल और प्रिया का जवाबSP MP Priya Saroj stated that street lights cannot be installed at religious places. She suggested that anyone wanting work done in their area should approach sector-level officials to express their concerns.pic.twitter.com/Mu98GGNbXZ
— Krishna Chaudhary (@KrishnaTOI) September 13, 2025
ऑडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई लोग प्रिया के जवाब को गलत मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि वह नियमों का पालन कर रही थीं। जब प्रिया से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पास काम के लिए एक तय प्रक्रिया है। संगठन के साथ मीटिंग में सभी वर्गों के लोग शामिल होते हैं और उसी के आधार पर फंड का बंटवारा होता है। प्रिया ने यह भी दावा किया कि जिस शख्स ने यह ऑडियो रिकॉर्ड किया, वह पहले बीजेपी सांसद के लिए भी ऐसा ही करता था।
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