लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने जातिवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाया है। अब निजी वाहनों की नंबर प्लेट पर जाति लिखवाना गैरकानूनी होगा। अगर कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी होगी। ये फैसला समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
पुलिस रिकॉर्ड में भी जाति का जिक्र बंदसरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि पुलिस अब अपनी किसी भी आधिकारिक रिपोर्ट, जैसे एफआईआर या गिरफ्तारी मेमो में, आरोपी या गवाह की जाति का जिक्र नहीं करेगी। केवल एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मामलों में ही जाति का उल्लेख किया जाएगा। इस कदम से जातिगत भेदभाव को कम करने की कोशिश की जा रही है।
सोशल मीडिया पर भी सख्तीनंबर प्लेट के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी जातिवादी कंटेंट पर नकेल कसी जाएगी। अगर कोई जाति से जुड़े भड़काऊ नारे, प्रतीक या कंटेंट पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। सरकार का कहना है कि ये कदम समाज में नफरत और तनाव को रोकने के लिए जरूरी हैं।
समाज में समानता की पहलसरकारी अधिकारियों का कहना है कि ये नियम समाज में एकता और सौहार्द को बढ़ावा देंगे। जातिगत भेदभाव और तनाव को कम करने के लिए ये कदम बहुत जरूरी हैं। उनका मानना है कि ऐसी छोटी-छोटी चीजें, जैसे नंबर प्लेट पर जाति लिखना, समाज में गलत संदेश देती हैं और लोगों के बीच दूरी बढ़ाती हैं।
वाहन मालिकों को चेतावनीप्रशासन ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि वे तुरंत अपनी गाड़ियों की नंबर प्लेट से जाति से जुड़े शब्द या स्टिकर हटा लें। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो चालान और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस नियम का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
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