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मानसून का महासंकट! IMD ने दी चेतावनी- 12 से 17 जुलाई तक नहीं थमेगी बारिश, संभल जाएं ये राज्य

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भारत में मानसून ने पूरे जोश के साथ दस्तक दे दी है। उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक, देश के हर कोने में बारिश की रिमझिम सुनाई दे रही है। कहीं बादल हल्की फुहार बिखेर रहे हैं, तो कहीं मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। खेतों में हरियाली छा गई है, लेकिन कई इलाकों में अति भारी बारिश ने चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं। सड़कों पर पानी, यातायात में रुकावट और निचले इलाकों में जलभराव की खबरें आम हो गई हैं। फिर भी, मानसून की इस झमाझम ने गर्मी से राहत दिलाई है और किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है।

मौसम विभाग की चेतावनी: बारिश का दौर रहेगा जारी

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 11 से 17 दिनों तक उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बादल जमकर बरस सकते हैं। पूर्वोत्तर भारत, खासकर असम और मेघालय, में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। नदियों के जलस्तर पर नजर रखने और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

चुनौतियां और तैयारियां

भारी बारिश ने कई शहरों में जलभराव की समस्या को बढ़ा दिया है। मुंबई, दिल्ली और भोपाल जैसे महानगरों में सड़कों पर पानी भरने से यातायात जाम की स्थिति बन रही है। ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान का खतरा भी मंडरा रहा है। हालांकि, सरकार और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं, और लोगों को मौसम अपडेट्स के साथ सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं।

मानसून का आनंद, लेकिन सावधानी जरूरी

मानसून का मौसम हर साल भारत में उत्साह और उम्मीद लेकर आता है। यह समय खेतों को हरा-भरा करने और जलाशयों को भरने का होता है। लेकिन इस बार की भारी बारिश ने हमें सावधानी बरतने की याद भी दिलाई है। घर से बाहर निकलते समय छाता और रेनकोट साथ रखें, सड़कों पर जलभराव से बचें और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें। खासकर उन इलाकों में रहने वाले लोग, जहां बाढ़ का खतरा है, उन्हें स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

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