धमतरी, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के साहू दंपति समाजसेवी तुमनचंद साहू और शिक्षिका रंजीता साहू ने नवाचारी पहल करते हुए मैं हूं गुल्लक, मोर नाव बोदली अभियान शुरू किया है। इन्होंने स्कूली बच्चों को जीवन में अनुशासन, बचत और समर्पण का मूल्य सिखाने के उद्देश्य से यह अनोखी पहल की है।
मगरलोड ब्लाक के साहू दंपति ने मैं हूं गुल्लक, मोर नाव बोदली अभियान के तहत शासकीय माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय लुगे के सभी बच्चों को मिट्टी से बने गुल्लक भेंट किया। और स्कूल के सभी बच्चों और शिक्षकों ने गुल्लक में पैसे डाल कर इस अभियान की शुरुआत की। इस पहल ने पूरे समाज को एक नई दिशा दी है। उनके इस कदम ने यह साबित किया कि छोटे प्रयासों से बच्चों और समाज को बेहतर संस्कार और शिक्षा दी जा सकती है। इस दौरान उपस्थित स्कूली बच्चों को गुल्लक का महत्व बताया गया।
समाजसेवी तुमनचंद साहू ने बताया कि, गुल्लक केवल पैसे जोड़ने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह बच्चों को सिखाता है कि छोटी – छोटी बचतें बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकती है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को बचत की आदत डालना और त्याग व समर्पण का महत्व समझाना है। हर बच्चे को प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने गुल्लक में एक – एक रुपए जोड़ें और एक बड़े मिशन के लिए धन जमा करें। यह कदम न केवल बच्चों को आर्थिक अनुशासन सिखाने का प्रयास है, बल्कि उन्हें समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।
शिक्षिका रंजीता साहू ने बताया कि, मैं हूं गुल्लक, मोर नाव बोदली का विचार इनकी तीनों बेटियों से उन्हें मिला। दो साल पहले इन्होंने अपनी बेटियों को तीन गुल्लक दिए थे। जिसमें तीनों बेटियों ने धीरे – धीरे पैसा जमा करना चालू किया और एक साल में एक बड़ी रकम जमा हो गई। जिसको इन बच्चों ने निर्धन एवं अनाथ बच्चों की सहायता करने वाली संस्था को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों दान कर दिया। जिससे उन्हें काफी मान सम्मान मिला। मेरे बच्चे और प्रोत्साहित हुए है। और आगे तीन गुल्लक ले कर तीन उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण एक पेड़ मां के नाम, शिक्षा के लिए एक गुल्लक शिक्षा के नाम और मानव एवं जीव सेवा के लिए एक गुल्लक जीवों के नाम के लिए थोड़ा थोड़ा पैसा जमा करना चालू किया है।जिसे हर साल इन तीनों कार्यों के लिए लगाया जाएगा। इस पहल से हजारों बच्चों को बचत के साथ – साथ पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, मानवता की सीख मिलेगी। हम चाहते है कि बच्चे त्याग और समर्पण का महत्व समझें और अपने प्रयासों से समाज को बेहतर बनाने में योगदान दें।
लुगे स्कूल के सभी बच्चों को एक-एक गुल्लक दी गई। सभी बच्चों को एक से दो रूपये गुल्लक में डालने की अपील की। गुल्लक पाने के बाद वे न केवल पैसे बचाने के महत्व को समझने लगे, बल्कि उनमें अपने परिवार और समाज के प्रति एक जिम्मेदारी का भाव भी विकसित हुआ। जिस दिन परीक्षा परिणाम आएंगे उसी दिन गुल्लक में जमा पैसों का भी परिणाम घोषित किया जाएगा। जिन बच्चों का पैसा ज्यादा होगा। पांच सबसे ज्यादा बचत करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया जाएगा। बच्चों में इस पहल को लेकर उत्साह देखने को मिला।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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