-सीएमओ को ज्ञापन सौंप जियाे फेंसिंग निर्णय को वापस लेने की मांगजींद, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । जियो फेंसिंग आधारित उपस्थिति के विरोध में जींद के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया और उपवास रखा। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन और स्वास्थ्य कर्मचारी तालमेल कमेटी ने इसे निजता के अधिकार का हनन और अव्यवहारिक बताते हुए सिविल सर्जन के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर आदेश वापस लेने की मांग की।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्वि एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. विजेंद्र ढांडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी जब पहले ही बायोमेट्रिक आधारित अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं तो जियो फेंसिंग लोकेशन आधरित उपस्थिति के तहत दर्ज करवाने को कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्होंने इन आदेशों को अव्यवहारिक व गैर कानूनी तथा भारतीय संविधान में वर्णित निजता के अधिकारों का हनन एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशों का भी उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि सभी विधायकों को ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार द्वारा जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति दर्ज करने के आदेशों को वापस नहीं लेने के रोष स्वरूप सिविल सर्जन कार्यालय के सम्मुख सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक उपवास कर रोष जाहिर किया गया है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि यदि फिर भी सरकार द्वारा जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति दर्ज करने के आदेशों को वापस नही लिया गया तो राज्य कमेटी द्वारा आगामी सात सितंबर को पुन: बैठक करके आगामी आंदोलन का ऐलान कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी तालमेल कमेटी के नेता राममेहर वर्मा ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी लोकतांत्रिक तरीके से लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन करते हुए गत आठ जुलाई को स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी तालमेल कमेटी द्वारा राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को ज्ञापन सौंपा था। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी तालमेल कमेटी के पदाधिकारियों को भरोसा दिया था कि अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत करके समस्या का समाधान निकाला जाएगा और जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति के लिए किसी भी अधिकारी कर्मचारी को बाध्य नही किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा दिए गए भरोसे के बावजूद कुछ अधिकारी लगातार जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति दर्ज करने के गैर कानूनी आदेशों को वापस लेने की बजाय पत्र जारी कर सरकार व स्वास्थ्य कर्मचारियों में टकराव पैदा करके स्वास्थ्य विभाग तथा सरकार को बदनाम करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अवकाश सहित तमाम सुविधाओं को रोक कर गैर कानूनी ढंग से प्रताड़ित भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अबतक काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी करने, एक घंटे को रोष प्रदर्शन करने के उपरांत निजी मोबाइल फोन के माध्यम से जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति दर्ज करने के गैर कानूनी आदेश को वापस लेने के लिए राज्य के सभी विधायकों को ज्ञापन देकर विधानसभा में आवाज बुलंद करने की मांग भी कर चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
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