–खोया हुआ फोन मिलने के बाद सभी मोबाइल स्वामियों के खिले चेहरे
मुरादाबाद, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद पुलिस की सर्विलांस टीम द्वारा बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में लगभग 30 लाख रुपए के 146 गुमशुदा खोए हुए मोबाइल स्वामियों को सुपुर्द किए गए। अपना खोया हुआ फोन मिल जाने के बाद सभी मोबाइल स्वामियों के चेहरे खिल गए और सभी ने जनपद पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया।
पुलिस अधीक्षक नगर कुमार रणविजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिम के निर्देशन में मुरादाबाद में नागरिकों के खाेये हुए मोबाइल फोन बरामद किए जाने हेतु चलाए जा रहे अभियान के क्रम में सर्विलांस टीम को विभिन्न जनपदों व जनपद के थाना क्षेत्र से मोबाइल फोन गुमशुदगी से सम्बंधित प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए थे जिन्हें सर्विलांस पर लगाकर मोबाइल फोन बरामद करने हेतु निर्देशित किया गया था।
एसपी सिटी ने आगे बताया कि सर्विलांस सेल द्वारा तकनीकी सहायता एवं सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से अथक परिश्रम एवं मेहनत के फलस्वरुप पीड़ितों के गुमशुदा खोए हुए कुल 146 मोबाइल बरामद किए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 30 लाख रुपए है। जो आज सभी मोबाइल स्वामियों को सुपुर्द कर दिए गए। एसपी सिटी ने बताया कि बरामद मोबाइल में वीवो कंपनी के 42, सैमसंग के 27, ओपो के 24, रियलमी के 19, रेडमी के 13, इंफिनिक्स के 5, टेक्नो के 4, वनप्लस के 3, मोटरोला के 3, पोको के 2 के अलावा आईक्यू, एमआई, ओनर, आईटेल का 1-1 सहित कुल 146 मोबाइल थे।
इस दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कोतवाली सर्किल सुनीता दहिया व कतगीर सर्कल के क्षेत्राधिकारी आशीष प्रताप सिंह भी मौजूद रहे।
मोबाइल बरामद करने वाली सर्विलांस टीम में उप निरीक्षक व एसओजी प्रभारी अमित कुमार, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, अमित कुमार, अरुण प्रताप सिंह, कपिल कुमार, महिला आरक्षी निक्की चौधरी, आरक्षी मनीष कुमार, यश कुमार, शिवम, विपिन शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
You may also like
कौन से धर्म के लोग सबसे ज़्यादा गालियाँ देते हैं? इसे पढ़ने के बाद बदल जाएगी आपकी सोच`
केरल के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं शशि थरूर? बोले- अर्थव्यस्था सुधार की जरूरत, बदलाव की आवाज बनने को तैयार
आधा भारत नहीं जानता एसआईपी का 12x12x24 फॉर्मूला. जान गए तो बन जायेंगे 2 करोड़ के मालिक`
किचन से कॉकरोच की हो जाएगी पर्मानेंट छुट्टी बस करना होगा ये छोटा सा काम`
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला और हमारा सामाजिक बाना