उज्जैन, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के उज्जैन में इस वर्ष 67वा अ.भा. कालिदास समारोह 30 अक्टूबर से सात नवंबर तक आयोजित होगा. इस बार के समारोह में अनेक नवाचार, लोकप्रिय आकर्षण होंगे एवं साथ ही नई पीढ़ी की सहभागिता भी होगी.
इस संबंध में बुधवार कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गन्धे ने बताया कि देवप्रबोधनी एकादशी 01 नवम्बर से पूर्व 30-31 अक्टूबर को पूर्वरंग सम्पन्न होगा. पूर्वरंग के अन्तर्गत 30 अक्टूबर को माँ गढ़कालिका पर वागर्चन में शहर के विद्यालय, महाविद्यालय तथा गुरुकुल के 1100 बटुकों, छात्र-छात्राओं के द्वारा श्यामलादंडकम् एवं देवी स्तुति की प्रस्तुति दी जायेगी. इस अवसर पर नृत्याराधना नृत्य मंदिर संस्थान, उज्जैन द्वारा देवी स्तुति में नृत्य आराधना भी की जायेगी.
31 अक्टूबर को पारम्परिक कलश यात्रा का आयोजन होना है. रामघाट पर तीर्थ पुजन तथा महाकाल के आशीर्वाद के पश्चात विभिन्न मार्गो गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मन्दिर, सर्राफा, कण्ठाल, नई सड़क, फव्वारा चौक, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, टॉवर चौराहा, शहीद पार्क, ढक्कन वाला कुँआ, गुरुद्वारा, माधव नगर थाने के सामने, दशहरा मैदान चौराहा, संजीवनी हॉस्पिटल के सामने से होती हुए अकादमी परिसर में मंगल कलश की स्थापना होगी. कलश यात्रा में आकर्षण Chhattisgarh का पंथी नृत्य, नासिक के ढोल-ताशे, विद्यालयों के घोष पथक, म.प्र. पुलिस बैंड, लोककलाकारों के नृत्य तथा गणमान्य नागरिक रहेंगे.
टावर चौक पर मंच पर विविध कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे फिर वे भी कलश यात्रा में सम्मिलित होंगे. शहर के विभिन्न संगठनों द्वारा शहर के विभिन्न मार्ग पर कलश यात्रा का स्वागत किया जायेगा. इसी दिन सायंकाल रत्नागिरी Maharashtra के युवा कलाकारों के द्वारा वाद्यवृंद समूह के साथ संस्कृत आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति होगी. इस वर्ष युवाओं के द्वारा इस समारोह में यह नवाचार होगा. महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा आधुनिक वाद्य यन्त्रों के साथ आकर्षक धुनों पर संस्कृत गीतों की प्रस्तुति दी जायेगी.
इसके पूर्व उज्जैन शहर एवं जिले के विभिन्न विद्यालयों, गुरुकुलों और महाविद्यालय के 1100 छात्र-छात्राओं द्वारा कालिदास की रचनाओं के मंगलाचरण के श्लोकों का सामूहिक पाठ किया जायेगा.
1 नवम्बर को प्रातः 10 बजे प्रदेश के Chief Minister डॉ. मोहन यादव समारोह का विधिवत उद्घाटन करेंगे. सारस्वत अतिथि के रुप में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेशप्रपन्नाचार्य जी महाराज रामायण वेला, श्रीधाम, अयोध्या एवं संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. सायं काल भक्ति संगीत के कार्यक्रम में सुगम एवं भक्ति संगीत प्रस्तुति राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका सूर्यागायत्री, कालीकट (केरल) की सुगंम एवं भक्ति संगीत की प्रस्तुति होगी.
– 2 नवम्बर को प्रातः 9 बजे सारस्वत आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत कालिदास साहित्य में स्व-बोध विमर्श विषय पर शोध संगोष्ठी का शुभारम्भ होगा. सांय काल 5 बजे व्याख्यान माला ‘संस्कृति चिन्तक कालिदास’ विषय पर प्रो. प्रगाग नारायण मिश्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयाराज मुख्य वक्ता के रुप में व्याख्यान देंगे.
सांस्कृतिक सत्र में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शास्त्रीय गायक महेश काळे की प्रस्तुति होगी.
– 3 नवम्बर को प्रातः 9 बजे सारस्वत आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत कालिदास साहित्य में स्व-बोध विमर्श विषय पर शोध संगोष्ठी होगा. सायं 5 बजे व्याख्यान कालिदास का परिवार चिन्तन विषय पर प्रो. राजेश्वर मिश्र, वरिष्ठ संस्कृत विद्वान्, कुरुक्षेत्र मुख्य वक्ता के रुप में व्याख्यान देगे. सांस्कृतिक सत्र में अनन्या गौड (बैंगलोर) शास्त्रीय नृत्य कथक, शास्त्रीय नृत्य नाटिका शकुन्तला अमिता खरे, भोपाल एवं शास्त्रीय नृत्य नाटिका ऋतुसंहार कलाकार संस्कृतिक समिति, उज्जैन की प्रस्तुति होगी.
– 4 नवम्बर को प्रातः 9 बजे सारस्वत आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत कालिदास साहित्य में स्व-बोध विमर्श विषय पर शोध संगोष्ठी होगा. सांय काल 5:00 बजे व्याख्यान कालिदास का स्वात्म गौरव विषय पर प्रो. सनन्दन त्रिपाठी, नईदिल्ली मुख्य वक्ता के रुप में व्याख्यान देगे. सांस्कृतिक सत्र में हिन्दी नाटक श्रीकृष्ण उज्जैनी- विशाला सांस्कृतिक लोकहित समिति, उज्जैन की प्रस्तुति होगी.
– 5 नवम्बर को प्रातः 9 बजे सारस्वत आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत ऑपरेशन सिन्दुर के आलोक में कालिदास विषय पर कविसमवाय होगा. सांस्कृतिक सत्र में संस्कृत नाटक शिवभाणकम् निर्देशन पियाल भट्टाचार्य, कोलकाता की प्रस्तुति होगी.
– 6 नवम्बर को सांस्कृतिक सत्र में शास्त्रीय वादन पंचनाद श्रुति अधिकारी, भोपाल एवं शास्त्रीय वादन वायोलिन सु दुर्गा शर्मा, बैंगलोर की प्रस्तुति होगी. इसी दिन क्षेत्रीय बोली /भाषा का कवि सम्मेलन आयोजित होगा.
– 7 नवम्बर को सांस्कृतिक सत्र में शास्त्रीय गायन दिव्या शर्मा, जांगीड़, मुरैना एवं लोकगायन प्रेमसिंह देपालपुरिया, सांरगपुर की प्रस्तुति होगी. समारोह का समापन एवं पुरस्कार वितरण प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में होगा. प्रातः कालीन सभा में भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी.
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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