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(लीड) यमुना के जलस्तर में 24 घंटे में एक मीटर से अधिक की गिरावट

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नई दिल्ली, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना के जलस्तर में 24 घंटे में एक मीटर से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक यमुना का जलस्तर शनिवार शाम 7 बजे 206.04 मीटर पर दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को इसका जलस्तर 207.09 मीटर पर था।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के नीचे सड़क पर बसे बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन राहत शिविरों में ले जा रहा है। यमुना के जलस्तर में गिरावट के साथ-साथ प्रशासन राहत शिविरों में व्यवस्था को और दुरुस्त करने में जुटा है। हालांकि यमुना के किनारे बसे इलाकों में अभी भी कई फीट पानी भर हुआ है। ड्रोन से बनाए वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि यमुना का पानी कई किलोमीटर तक फैला हुआ है। यमुना का जल खजूरी चौक, शास्त्री पार्क, गीता कॉलोनी, अक्षरधाम और मयूर विहार तक पहुंचा हुआ है। यमुना किनारे फूलों और सब्जियां के साथ-साथ दूसरे फसलें जलमग्न को चुकी है।

हालांकि निगम बोध घाट पर यमुना का जलस्तर कम हो गया है और सफाई अभियान जारी है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अभी तक दाह संस्कार के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है।

इस बीच शनिवार को आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता संजीव झा ने जहांगीर पुरी का दौरा कर राहत कैंपों का जायजा लिया। उन्होंने राहत शिविर में लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया और आआपा की तरफ से बाढ़ प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।

संजीव झा ने कहा कि यमुना के बाढ़ प्रभावित इलाकों से राहत शिविरों में आए लोगों के लिए सरकार ने सारी सुविधा देने का वादा किया था, लेकिन सरकार के राहत कार्यों में कमी साफ दिख रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए सभी व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बुराड़ी में ज्यादातर छोटे किसान हैं, जब आआपा की सरकार थी तो हर साल बाढ़ में राहत कैम्प खत्म होने से पहले ही फसलों के नुकसान का मुआवजा किसानों को दे दिया जाता था, लेकिन इस बार तो अब तक रजिस्ट्रेशन तक शुरू नहीं हुआ है।

संजीव झा ने कहा कि यहां पर दिखावे के लिए पंप लगाए गए हैं। एक चलता है, लेकिन उससे निकलने वाला पानी वहीं वापस आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जहांगीरपुरी का इलाका पानी से भरा पड़ा है, लेकिन अभी तक कोई भी नेता या अधिकारी यहां नहीं आए। झा ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही ने लोगों को नाराज और निराश कर दिया है। राहत शिविरों में न मेडिकल टीम तैनात है और न ही बिजली की व्यवस्था। उन्होंने बताया कि इलाके के लोग पिछले 36 घंटे से बिना बिजली-पानी के घुटनों तक भरे पानी में रहने को मजबूर हैं।

उन्होंने मंत्री और अधिकारी से कहा कि इन राहत कैम्पों का दौरा करें, इनकी समस्याएं सुनें और तुरंत फसलों के नुकसान का मुआवजा देने का ऐलान करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जनता काफी परेशान है क्योंकि उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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