कोलकाता, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
कसबा स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम एक छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में कोलकाता पुलिस ने अब कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की बैठकों के रिकॉर्ड को जांच के घेरे में लिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या कॉलेज प्रशासन को मनोजीत मिश्रा के खिलाफ पहले से किसी प्रकार की शिकायतें मिली थीं — जिनमें दबंगई, बाहरी लोगों को परिसर में बुलाकर हमला करवाना, हथियारों के जरिए छात्रों को डराना, और छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं शामिल हैं।
मनोजीत मिश्रा इस मामले का मुख्य आरोपित है, जबकि जैब अहमद और प्रमीत मुखोपाध्याय को उसके सहयोगी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है। जांचकर्ताओं के मुताबिक, इन दोनों ने अपराध को अंजाम देने में मदद की थी।
जांच टीम ने कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की पिछली दो से तीन महीनों की बैठकों के मिनट्स रजिस्टर जब्त कर लिए हैं। इसके अलावा, मनोजीत की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज और उपस्थिति रजिस्टर भी कब्जे में लिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि मनोजीत कभी इसी कॉलेज का छात्र था और कुछ महीने पहले उसे संविदा पर नियुक्त किया गया था, जबकि उस पर पहले से कई गंभीर आरोप लगे हुए थे। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसकी नियुक्ति किसके प्रभाव में की गई और क्या कॉलेज प्रशासन ने जानबूझकर उसके आपराधिक इतिहास को नजरअंदाज किया।
गौरतलब है कि हाल ही में इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट को सौंप दी गई है। ताजा प्राथमिकी में पहले से दर्ज बलात्कार की धारा के साथ-साथ अब अपहरण और हथियार से हमला करने जैसी गंभीर धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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