दलित महापंचायत में बड़ा ऐलान, 21 सदस्यों की
कमेटी बनाई
हिसार, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । शहर के 12 क्वार्टर
क्षेत्र में डीजे बंद करवाने के विवाद में हुई युवक की मौत मामले में दलित समुदाय ने
प्रशासन व पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए महापंचायत बुलाकर बड़ा निर्णय लिया
है। महापंचायत में 21 सदस्यों की कमेटी गठित करके आगामी आंदोलन के संचालन की रूपरेखा
तय की गई। मृतक के परिजन व समाज के लोग आरोपी पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज करने की मांग
पर अड़े हैं वहीं पुलिस ने मंगलवार को नोटिस जारी करके चेताया था कि यदि परिजनों ने
शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो पुलिस कर देगी और बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई
होगी। युवक की मौत को 10 दिन हो चुके हैं।
प्रशासन व पुलिस ने दबाव बनाने का आरोप लगाते
हुए मृतक के परिजनों व समाज के लोगों ने बुधवार को महापंचायत बुलाई। महापंचायत देर
शाम तक चली और इसमें शामिल लोगों ने परिवार को न्याय देने व पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई
की मांग उठाई। महापंचायत में 21 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी के सदस्यों ने महापंचायत
के फैसले से अवगत करवाते हुए बताया कि हम पुलिस से तीन दिन का समय मांगेंगे, अगर पुलिस
अपनी मर्जी से शव का अंतिम संस्कार करती है तो परिवार के लोग उसमें शामिल नहीं होंगे।
पुलिस ने अंतिम संस्कार किया तो राख लेकर हम देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे। यही नहीं, ऐसा
होने पर हम धरनास्थल से मुख्यमंत्री की अर्थी बनाकर लघु सचिवालय जाएंगे और वहां स्थाई
धरना लगाकर न्याय की मांग करेंगे।
समाज नहीं चाहता पुलिस से टकराव
कमेटी के सदस्यों ने कहा कि समाज पुलिस से टकराव
नहीं चाहता। पुलिस को जो कार्रवाई करनी है वह कर सकती है। उनकी जो मांगे हैं, उसको
लेकर धरना जारी रहेगा। पुलिस यदि जब संस्कार करना चाहती है तो उसकी कार्रवाई को नहीं
रोका जाएगा।
पुलिस के अल्टीमेटम का समय बीता
मंगलवार को पुलिस ने हरियाणा शव सम्मान निपटान
कानून के तहत परिजनों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि अगर 12 घंटे
के भीतर शव नहीं लिया गया तो पुलिस खुद अंतिम संस्कार कर देगी। यह नोटिस हिसार में
इस कानून के तहत पहला माना जा रहा है।अब पुलिस द्वारा दिए गए अल्टीमेटम का समय भी बीत
चुका है। ऐसे में पुलिस कभी भी मृतक का अंतिम संस्कार कर सकती है।
पुलिस ने घर पर चसपाया था नोटिस
पुलिस की एक टीम मंगलवार को धरनास्थल पर हरियाणा
शव सम्मान निपटान कानून के तहत नोटिस देने पहुंची थी, लेकिन परिजनों ने लेने से इनकार
कर दिया। इजिसके बाद पुलिस ने नोटिस घर पर चिपका दिया।
प्रदेश के दलित असुरक्षित : सैलजा
इसी बीच कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा भी देर सायं
धरने पर पहुंची और कहा कि इस धरने का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते थे, मगर जब रक्षक
ही भक्षक बन जाए तो ऐसा करना पड़ता है। सैलजा ने कहा कि आज दलित समाज प्रदेश में अपने
को सुरक्षित महसूस नहीं करता।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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