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BCCI ने ऋषभ पंत की चोट पर दिया बड़ा अपडेट, कौन लेगा उनकी जगह और क्या कहता है ICC का नियम

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नचेस्टर टेस्ट के पहले दिन भारतीय क्रिकेट टीम को उस समय बड़ा झटका लगा जब स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत चोटिल होकर मैदान से बाहर चले गए। क्रिस वोक्स की एक यॉर्कर पंत के पैर में लगी, जिसके बाद वे दर्द से कराहते हुए देखे गए और रिटायर्ड हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें मेडिकल सेंटर ले जाया गया। इस घटना ने न सिर्फ़ भारतीय प्रशंसकों की चिंता बढ़ा दी, बल्कि एक बड़ा सवाल भी खड़ा कर दिया कि अगर पंत की चोट गंभीर है, तो क्या भारतीय टीम कन्कशन सब्सटीट्यूट लेगी?

अगर पंत मैच से बाहर हो जाते हैं तो क्या होगा?

पंत की चोट ने क्रिकेट के नियमों और कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर बहस छेड़ दी है। क्रिकेट के नियमों के अनुसार, जब किसी खिलाड़ी के सिर में चोट लग जाती है और वह खेल जारी नहीं रख पाता, तो कन्कशन सब्सटीट्यूट लागू होता है। ऐसी स्थिति में टीम को एक और खिलाड़ी मिल जाता है जो चोटिल खिलाड़ी की ही भूमिका निभाता है, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर पंत को सिर में चोट लगती, तो भारत के पास ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारने का विकल्प होता, जो बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों कर सकता था।

हालांकि, पंत की चोट सिर में नहीं, बल्कि पैर में है। ऐसे में नियमों के मुताबिक, भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय, भारतीय टीम एक सब्स्टीट्यूट फील्डर ले सकती है, जो सिर्फ फील्डिंग या विकेटकीपिंग कर सकता है, लेकिन बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं कर सकता। ऐसे में टीम इंडिया के केवल 10 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर पाएंगे।

रिवर्स स्वीप खेलना महंगा साबित हुआ

भारतीय पारी के 68वें ओवर में क्रिस वोक्स की एक तेज़ यॉर्कर ने पंत को मुश्किल में डाल दिया। पंत ने इस गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद सीधे उनके जूते में जा लगी। घटना के बाद उनके पैर से खून बहने लगा और दर्द की तीव्रता को देखते हुए उन्हें तुरंत मैदान से बाहर ले जाया गया। पंत को सीधे मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहाँ उनकी चोट का इलाज चल रहा है।

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