आज के आधुनिक और तेजी से बदलते समाज में महिलाओं की भूमिका केवल घर तक सीमित नहीं रह गई है। खासकर गृहणियों के आत्मनिर्भर बनने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। गृहणियां, जो घर की रीढ़ होती हैं, अपने पूरे परिवार को संभालती हैं, लेकिन जब बात आर्थिक या सामाजिक पहचान की आती है, तो अक्सर वे खुद को पीछे पाती हैं। ऐसे में आत्मनिर्भरता न सिर्फ उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और आत्मिक रूप से भी उन्हें एक नई पहचान देती है।
आत्मनिर्भरता क्यों है जरूरी?गृहणियों का आत्मनिर्भर बनना कई मायनों में अहम है। सबसे पहली बात, यह उन्हें अपने फैसले खुद लेने की ताकत देता है। वे केवल घर के कार्यों तक सीमित न रहकर समाज में एक सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। यदि किसी आपातकालीन परिस्थिति में परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत हो, तो आत्मनिर्भर गृहिणी उस स्थिति में सहारा बन सकती है। इसके अलावा, यह आत्मनिर्भरता उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है, जिससे वे खुद को एक नई दृष्टि से देखती हैं।
मानसिक स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान में इज़ाफाजब एक गृहिणी अपने दम पर कुछ कमाना शुरू करती है, तो उसमें एक अलग ही आत्म-सम्मान की भावना उत्पन्न होती है। वह यह महसूस करती है कि उसकी काबिलियत का इस्तेमाल हो रहा है और समाज में उसकी पहचान एक 'कमाऊ सदस्य' के रूप में बन रही है। यह भावना उसे मानसिक रूप से भी सशक्त बनाती है और उसके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करती है।
घर बैठे कौन-से काम बन सकते हैं सहारा?आज इंटरनेट और डिजिटल युग में कई ऐसे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से गृहणियां घर बैठे काम शुरू कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। नीचे कुछ प्रमुख विकल्प दिए गए हैं:
1. फ्रीलांसिंग और कंटेंट राइटिंगअगर किसी गृहिणी को लेखन में रुचि है, तो वह कंटेंट राइटिंग, ब्लॉगिंग, या फ्रीलांस आर्टिकल लेखन जैसे कार्य कर सकती है। इसके लिए कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं, जहां से काम मिल सकता है।
2. टिफिन सर्विस या होममेड फूड बिजनेसकई महिलाएं स्वादिष्ट खाना बनाना जानती हैं, और इस हुनर को वे एक बिजनेस में बदल सकती हैं। घर से टिफिन सर्विस शुरू करके वह न सिर्फ कमाई कर सकती हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकती हैं।
3. हैंडमेड प्रोडक्ट्स या क्राफ्टिंगअगर किसी को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई या पेंटिंग का शौक है, तो वे अपने बनाये हुए उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Etsy, Amazon, Meesho आदि पर बेच सकती हैं।
4. ऑनलाइन ट्यूशन या कोचिंगजो महिलाएं पढ़ाई में अच्छी हैं, वे स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन ट्यूशन दे सकती हैं। इसके लिए ज़्यादा खर्च नहीं आता और घर बैठे नियमित आमदनी भी हो सकती है।
5. ब्यूटी और स्किनकेयर सर्विसेजघर पर ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग लेकर महिलाएं अपने इलाके में सर्विस दे सकती हैं। धीरे-धीरे यह एक छोटा व्यवसाय बन सकता है।
6. यूट्यूब चैनल या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बननाजो महिलाएं बोलने, सिखाने या रचनात्मक वीडियो बनाने में रुचि रखती हैं, वे यूट्यूब चैनल शुरू कर सकती हैं। यहां से न सिर्फ कमाई होती है, बल्कि प्रसिद्धि भी मिलती है।
सरकार और समाज की भूमिकासरकार द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकती हैं जैसे- स्टार्टअप इंडिया, महिला उद्यमिता योजना, मुद्रा योजना, और स्किल इंडिया मिशन। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकती हैं।
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