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बिहार में भूमि दाखिल खारिज की प्रगति की समीक्षा, अंचल अधिकारियों की पोस्टिंग को प्रदर्शन मीट्रिक से जोड़ने की योजना

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राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने गुरुवार को इस बात पर जोर दिया कि अब अंचलाधिकारियों की पदस्थापना उनके प्रदर्शन के आधार पर ही होगी। भूमि सुधार अनुमंडल दंडाधिकारियों और अंचलाधिकारियों की दो दिवसीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि अंचलाधिकारी अपने अधीनस्थों को कार्य सौंपते समय उसी प्रदर्शन आधारित दृष्टिकोण को अपनाएं। मंत्री सरावगी ने जनता से जुड़े कार्यों को गंभीरता से और समय पर पूरा करने के महत्व को रेखांकित किया। समुचित सुनवाई के बिना दाखिल खारिज की उच्च दर पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने चनपटिया (पश्चिम चंपारण), पलासी (अररिया), बाबूबरही (मधुबनी), मधुबन, हाजीपुर और कुढ़नी (पूर्वी चंपारण) समेत कुछ खास क्षेत्रों को कम प्रदर्शन करने वाला बताया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि आवेदक को सुनवाई का मौका दिए बिना दाखिल खारिज के आवेदनों को खारिज करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुशहरी (मुजफ्फरपुर), रानीगंज (अररिया), पूर्णिया पूर्व सदर, फारबिसगंज (अररिया) और डुमरा (सीतामढ़ी) जैसे अंचलों में मामले के निपटारे की धीमी गति पर भी चिंता व्यक्त की।

इसके अतिरिक्त परिमार्जन प्लस पोर्टल में जमाबंदियों के डिजिटलीकरण की समीक्षा के दौरान कुरसेला (कटिहार), रोसड़ा (समस्तीपुर), भगवानपुर (वैशाली), जोगापट्टी और पिपरासी (पश्चिम चंपारण) और बासोपट्टी (मधुबनी) सहित कई अंचलों में प्रगति असंतोषजनक पाई गई।

बैठक में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, विभागीय सचिव जय सिंह, चकबंदी निदेशक राकेश कुमार सिंह, भू-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह और विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह उपस्थित थे। अधिकारियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई कि कार्य निष्पादन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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