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"जो कभी पत्थर मारते थे, वो आज पार्टी के साथ", यहां जानिए नितिन गडकरी के इस बयान के पीछे क्या है सियासी मायने?

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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में अपने राजनीतिक सफर के पुराने किस्से साझा किए। गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने राजनीति शुरू की थी तो कुछ लोग रोज उनके घर पर पत्थर फेंकते थे, लेकिन समय बदला और आज वही लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। गडकरी स्थानीय भाजपा नेता रामदास अटवकर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।

इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की निष्ठा और कड़ी मेहनत ही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के एक भाषण को उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "दुर्लभ कार्यकर्ता संगठन की सबसे बड़ी ताकत है।"

"आरएसएस में समर्पित कार्यकर्ता"

गडकरी ने कहा कि आरएसएस में बड़ी संख्या में ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हैं, जिनकी बदौलत संगठन ने सफलतापूर्वक लगभग 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ता हमेशा अपनी विचारधारा और राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हैं।

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए गडकरी ने कहा, "जब मैं 1975 में नागपुर क्षेत्र में भाजपा के लिए काम कर रहा था, तो मेरे क्षेत्र के कुछ लोग मेरे घर पर पत्थर फेंकते थे।" उन्होंने कहा, "समय के साथ वही लोग आरएसएस मुख्यालय डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर और उनके घर पर आने लगे। उनमें से एक बाद में भाजपा का वार्ड अध्यक्ष भी बन गया।"

आटवकार परिवार की सराहना

गडकरी ने भाजपा और आरएसएस में योगदान के लिए स्वर्गीय अटवकर और उनके परिवार की सराहना की।

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