बमाको: अफ्रीका महाद्वीप में स्थित माली पर अल कायदा के कब्जे की आशंका बढ़ती जा रही है। यह देश लंबे समय से आतंकी हिंसा और नाकेबंदी का सामना कर रहा है। माली में नागरिक सरकार के पतन के बाद विद्रोहियों ने रूस और चीन की मदद से सरकार चलाने की कोशिशें की थी, लेकिन वो नाकाम रही हैं। इस बीच अल कायदा के आतंकवादियों ने मौका देखकर राजधानी बमाको को घेर लिया है। उन्होंने राजधानी में ईंधन की सप्लाई रोक दी है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही बमाको पर अल कायदा कब्जा कर लेगा। इसी के साथ पूरा माली उनके नियंत्रण में होगा।   
   
किन देशों ने जारी की चेतावनी
इस बीच दर्जनों देशों ने माली की बिगड़ते हालात को देखते हुए अपने नागरिकों को वहां की यात्रा न करने की चेतावनी दी है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को तुरंत माली छोड़ने को कहा है। इतालवी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा, "माली में पहले से मौजूद इतालवी नागरिकों से जल्द से जल्द देश छोड़ने का आग्रह किया जाता है।" मंगलवार को ऐसी ही चेतावनी अमेरिका ने भी अपने नागरिकों के लिए जारी की थी। जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह किया था।
   
माली में क्या हो रहा है
पश्चिम अफ्रीका में स्थित माली एक स्थल-रुद्ध (चारों ओर से जमीन से घिरा देश है जिसकी सीमाएँ अल्जीरिया, नाइजर, बुर्किना फ़ासो, कोट डी आइवर, गिनी, सेनेगल और मॉरिटानिया से लगती हैं। अल-कायदा से जुड़े एक आतंकवादी समूह, जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन ने सितंबर में ईंधन नाकेबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद से ही माली एक अभूतपूर्व संकट की चपेट में है।
   
अल कायदा ने क्यों की नाकेबंदी
कई ग्रामीण इलाकों पर नियंत्रण रखने वाले जेएनआईएम ने 3 सितंबर से सैन्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में ईंधन की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के जवाब में नाकाबंदी लागू कर दी है। इसने सेनेगल की सीमा पर स्थित माली के दो शहरों, कायेस और निओरो पर ईंधन नाकाबंदी लागू कर दी है और राजधानी बमाको तक ईंधन पहुंचाने की कोशिश कर रहे काफिलों को भी निशाना बनाया है।
   
अल कायदा के हमलों से ईंधन संकट गंभीर हुआ
अफ्रीका सिक्योरिटी एनालिसिस के अनुसार, इन मार्गों को बंद करके, जेएनआईएम सीमा पार आवाजाही को नियंत्रित करने और माली के सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति लाइनों को बाधित करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करता है। ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में, जेएनआईएम नेता अबू हौज़ीफ़ा अल बाम्बारी ने कहा कि वे 'ईंधन की एक बूंद भी अंदर नहीं आने देंगे'। 14 सितंबर को, जेएनआईएम ने पश्चिमी माली में सेनेगल से आने वाले ईंधन टैंकरों के काफिलों को निशाना बनाकर कई हमले किए, जिसके कारण देश भर में ईंधन की कमी हो गई है।
   
  
किन देशों ने जारी की चेतावनी
इस बीच दर्जनों देशों ने माली की बिगड़ते हालात को देखते हुए अपने नागरिकों को वहां की यात्रा न करने की चेतावनी दी है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को तुरंत माली छोड़ने को कहा है। इतालवी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा, "माली में पहले से मौजूद इतालवी नागरिकों से जल्द से जल्द देश छोड़ने का आग्रह किया जाता है।" मंगलवार को ऐसी ही चेतावनी अमेरिका ने भी अपने नागरिकों के लिए जारी की थी। जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह किया था।
माली में क्या हो रहा है
पश्चिम अफ्रीका में स्थित माली एक स्थल-रुद्ध (चारों ओर से जमीन से घिरा देश है जिसकी सीमाएँ अल्जीरिया, नाइजर, बुर्किना फ़ासो, कोट डी आइवर, गिनी, सेनेगल और मॉरिटानिया से लगती हैं। अल-कायदा से जुड़े एक आतंकवादी समूह, जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन ने सितंबर में ईंधन नाकेबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद से ही माली एक अभूतपूर्व संकट की चपेट में है।
अल कायदा ने क्यों की नाकेबंदी
कई ग्रामीण इलाकों पर नियंत्रण रखने वाले जेएनआईएम ने 3 सितंबर से सैन्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में ईंधन की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के जवाब में नाकाबंदी लागू कर दी है। इसने सेनेगल की सीमा पर स्थित माली के दो शहरों, कायेस और निओरो पर ईंधन नाकाबंदी लागू कर दी है और राजधानी बमाको तक ईंधन पहुंचाने की कोशिश कर रहे काफिलों को भी निशाना बनाया है।
अल कायदा के हमलों से ईंधन संकट गंभीर हुआ
अफ्रीका सिक्योरिटी एनालिसिस के अनुसार, इन मार्गों को बंद करके, जेएनआईएम सीमा पार आवाजाही को नियंत्रित करने और माली के सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति लाइनों को बाधित करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करता है। ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में, जेएनआईएम नेता अबू हौज़ीफ़ा अल बाम्बारी ने कहा कि वे 'ईंधन की एक बूंद भी अंदर नहीं आने देंगे'। 14 सितंबर को, जेएनआईएम ने पश्चिमी माली में सेनेगल से आने वाले ईंधन टैंकरों के काफिलों को निशाना बनाकर कई हमले किए, जिसके कारण देश भर में ईंधन की कमी हो गई है।
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