इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना में एक नए पद के गठन पर काम चल रहा है। पाकिस्तान के प्रस्तावित 27वें संविधान संशोधन में 'रक्षा बलों के कमांडर' (सीडीएफ) नाम से नए पद पर विचार किया जा रहा है। इस पद का उद्देश्य तीनों सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और एकीकृत कमान सुनिश्चित करना है। पाकिस्तान के सीडीएफ का ढांचा अभी तक भारत के सीडीएस से मिलता जुलता दिख रहा है। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पेश आई चुनौतियों को देखते हुए इस पद का ख्याल पाकिस्तानी नेताओं और सैन्य अफसरों को आया है। माना जा रहा है कि तीनों पाकिस्तानी सेनाओं के सर्वेसर्वा के इस पद पर असीम मुनीर काबिज हो सकते हैं।
पाकिस्तान की वेबसाइट जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम हाल के पाकिस्तान-भारत युद्ध परिदृश्यों और आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति से सीख लेकर उठाया गया है। इसके लिए एक एकीकृत परिचालन प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। हालांकि 27वें संविधान संशोधन का आधिकारिक मसौदा अभी सामने नहीं आया है। इसके मुख्य बिंदु सामने आ गए हैं, जिनमें अनुच्छेद 243 में बदलाव का प्रस्ताव शामिल है।
पाकिस्तान की बढ़ी फिक्रअनुच्छेद 243 में कहा गया है कि संघीय सरकार का सशस्त्र बलों पर नियंत्रण और कमान होगा और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास होगी। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा था कि सशस्त्र बलों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने भारत के साथ तनाव का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा आवश्यकताएं बदल गई हैं।
पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीएमएल-एन ने कहा है कि यह पूरी प्रक्रिया आपसी परामर्श के माध्यम से की जाएगी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी कुछ आनाकानी के बाद संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन के लिए सशर्त समर्थन का संकेत दिया है। प्रस्तावित बदलावों में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष को नया पद देना और सामरिक बल कमान के संबंध में एक नया कार्यालय बनाना शामिल है।
मुनीर बनेंगे सीडीएफपाकिस्तान में इस संशोधन के बाद असीम मुनीर सीडीएफ के पद पर बैठ सकते हैं। इस संसोधन का मकसद पाकिस्तान में सिक्योरिटी स्टेट फ्रेमवर्क को स्थापित करना है। असीम मुनीर के इस पद पर आने के बाद वह एक तरह से पाकिस्तान के 'सुप्रीम लीडर' बन जाएंगे। वह ना सिर्फ फौज से जुड़े फैसले लेंगे बल्कि सरकार को भी वही चलाएंगे। हालांकि अभी इस संविधान को मंजूरी मिलने और नए सीडीएफ के नाम का ऐलान बाकी है।
पाकिस्तान की वेबसाइट जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम हाल के पाकिस्तान-भारत युद्ध परिदृश्यों और आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति से सीख लेकर उठाया गया है। इसके लिए एक एकीकृत परिचालन प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। हालांकि 27वें संविधान संशोधन का आधिकारिक मसौदा अभी सामने नहीं आया है। इसके मुख्य बिंदु सामने आ गए हैं, जिनमें अनुच्छेद 243 में बदलाव का प्रस्ताव शामिल है।
पाकिस्तान की बढ़ी फिक्रअनुच्छेद 243 में कहा गया है कि संघीय सरकार का सशस्त्र बलों पर नियंत्रण और कमान होगा और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास होगी। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा था कि सशस्त्र बलों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने भारत के साथ तनाव का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा आवश्यकताएं बदल गई हैं।
पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीएमएल-एन ने कहा है कि यह पूरी प्रक्रिया आपसी परामर्श के माध्यम से की जाएगी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी कुछ आनाकानी के बाद संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन के लिए सशर्त समर्थन का संकेत दिया है। प्रस्तावित बदलावों में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष को नया पद देना और सामरिक बल कमान के संबंध में एक नया कार्यालय बनाना शामिल है।
मुनीर बनेंगे सीडीएफपाकिस्तान में इस संशोधन के बाद असीम मुनीर सीडीएफ के पद पर बैठ सकते हैं। इस संसोधन का मकसद पाकिस्तान में सिक्योरिटी स्टेट फ्रेमवर्क को स्थापित करना है। असीम मुनीर के इस पद पर आने के बाद वह एक तरह से पाकिस्तान के 'सुप्रीम लीडर' बन जाएंगे। वह ना सिर्फ फौज से जुड़े फैसले लेंगे बल्कि सरकार को भी वही चलाएंगे। हालांकि अभी इस संविधान को मंजूरी मिलने और नए सीडीएफ के नाम का ऐलान बाकी है।
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