वॉशिंगटन: अमेरिका कभी भी वेनेजुएला पर हमला करने का आदेश दे सकता है। ऐसी अटकलें हैं कि डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर करोड़ों डॉलर का इनाम रखा है, वो उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका लैटिन अमेरिका में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाते हुए एक एयरक्राफ्ट कैरियर हमला समूह भेजेगा। अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा है कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यूएसएस गेराल्ड फोर्ड और उसके साथ मौजूद हमला समूह के पांच विध्वंसक जहाजों को लैटिन अमेरिका में तैनात करने का आदेश दे दिया है।
इस बीच पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि "USSOUTHCOM AOR में अमेरिकी सेना की बढ़ी हुई उपस्थिति, अमेरिकी मातृभूमि की सुरक्षा और समृद्धि तथा पश्चिमी गोलार्ध में हमारी सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अवैध तत्वों और गतिविधियों का पता लगाने, निगरानी करने और उन्हें रोकने की अमेरिकी क्षमता को मजबूत करेगी।"
वेनेजुएला पर हमला कर सकता है अमेरिका
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक कहा है कि वो वेनेजुएला के ड्रग तस्करों पर कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन अमेरिका की तैयारियों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता। एयरक्राफ्ट कैरियर और हमलावर समूह को भेजने का मतलब ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई से काफी आगे हो जाता है। और यह ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका लंबे समय से अमेरिकी आक्रोश का केंद्र रहे वेनेजुएला के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। जबकि वेनेजुएला ने कहा है कि उसके 5000 से ज्यादा एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल देश के अलग अलग हिस्से में अमेरिका के लड़ाकू विमानों को मारने के लिए तैयार हैं।
अलजजीरा के मुताबिक, अमेरिका के आठ युद्धपोत पहले से ही करीब 6,000 नाविक और मरीन इस क्षेत्र में तैनात हैं और अब यूएसएस गेराल्ड फोर्ड और उसके स्ट्राइक ग्रुप को भेजा जा रहा है। जिसमें पांच विध्वंसक युद्धपोत, 4,500 अतिरिक्त कर्मी भी शामिल होंगे। यह एयरक्राफ्ट कैरियर वर्तमान में भूमध्य सागर में है और फिलहाल यह साफ नहीं है कि यह लैटिन अमेरिका में कब पहुंचेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय जासूसी एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) को वेनेजुएला में अभियान चलाने के लिए अधिकृत किया है और उन्होंने संकेत दिया है कि वेनेजुएला की धरती पर जल्द ही हमले हो सकते हैं।
अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड
ये यही अमेरिका है जो दूसरे देशों को मानवाधिकार, लोकतंत्र जैसे बातों का लेक्चर देता है, लेकिन अब ये फिर से एक दूसरे देश पर हमला कर सकता है। अमेरिका ऐसा वियतनाम, इराक और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी कर चुका है। अमेरिका, दर्जनों देशों में सरकारों को अवैध रूप से गिरा चुका है और डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला को लेकर जो दावे कर रहे हैं वो भी निराधार ही हैं। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार ड्रग्स और आव्रजन के जरिए अमेरिका पर "आक्रमण" करने के लिए आपराधिक समूहों के साथ मिलकर काम कर रही है। जबकि हकीकत ये है कि वैश्विक ड्रग व्यापार में वेनेजुएला की भूमिका नगण्य है और खुद अमेरिका के आंतरिक खुफिया आकलनों में इस दावे के लिए बहुत कम सबूत मिले हैं कि मादुरो सरकार आपराधिक समूहों को नियंत्रित करती है।
सितंबर महीने से अमेरिका लगातार वेनेजुएला से आने वाले पानी के जहाजों पर मिसाइल हमले कर रही है। ट्रंप प्रशासन दावा करता है कि इन जहाजों के जरिए ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। लेकिन अभी तक ट्रंप प्रशासन ने ड्रग्स तस्करी को लेकर कोई सबूत नहीं दिया है। इन हमलों में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं, जिसकी आलोचना डेमोक्रेटिक पार्टी से लेकर रिपब्लिकन पार्टी ने भी की है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भी इन हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और जान गंवाने वाले लोगों की मौत को 'हत्या' बताया है। वहीं, मादुरो सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका की तरफ से सरकार गिराने के किसी भी प्रयास का कड़ा जवाब देगी।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री व्लादिमीर पैड्रिनो ने शुक्रवार को कहा, "आप इसे जैसे भी चाहें व्याख्या करें, लेकिन सशस्त्र सेनाएं यहां ऐसी सरकार को अनुमति नहीं देंगी जो संयुक्त राज्य अमेरिका के हितों के अधीन हो।" उन्होंने आगे कहा, "यह पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा सैन्य खतरा है। हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं।" डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक तनाव कम करने की अपीलों को खारिज किया है।
इस बीच पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि "USSOUTHCOM AOR में अमेरिकी सेना की बढ़ी हुई उपस्थिति, अमेरिकी मातृभूमि की सुरक्षा और समृद्धि तथा पश्चिमी गोलार्ध में हमारी सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अवैध तत्वों और गतिविधियों का पता लगाने, निगरानी करने और उन्हें रोकने की अमेरिकी क्षमता को मजबूत करेगी।"
वेनेजुएला पर हमला कर सकता है अमेरिका
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक कहा है कि वो वेनेजुएला के ड्रग तस्करों पर कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन अमेरिका की तैयारियों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता। एयरक्राफ्ट कैरियर और हमलावर समूह को भेजने का मतलब ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई से काफी आगे हो जाता है। और यह ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका लंबे समय से अमेरिकी आक्रोश का केंद्र रहे वेनेजुएला के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। जबकि वेनेजुएला ने कहा है कि उसके 5000 से ज्यादा एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल देश के अलग अलग हिस्से में अमेरिका के लड़ाकू विमानों को मारने के लिए तैयार हैं।
अलजजीरा के मुताबिक, अमेरिका के आठ युद्धपोत पहले से ही करीब 6,000 नाविक और मरीन इस क्षेत्र में तैनात हैं और अब यूएसएस गेराल्ड फोर्ड और उसके स्ट्राइक ग्रुप को भेजा जा रहा है। जिसमें पांच विध्वंसक युद्धपोत, 4,500 अतिरिक्त कर्मी भी शामिल होंगे। यह एयरक्राफ्ट कैरियर वर्तमान में भूमध्य सागर में है और फिलहाल यह साफ नहीं है कि यह लैटिन अमेरिका में कब पहुंचेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय जासूसी एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) को वेनेजुएला में अभियान चलाने के लिए अधिकृत किया है और उन्होंने संकेत दिया है कि वेनेजुएला की धरती पर जल्द ही हमले हो सकते हैं।
अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड
ये यही अमेरिका है जो दूसरे देशों को मानवाधिकार, लोकतंत्र जैसे बातों का लेक्चर देता है, लेकिन अब ये फिर से एक दूसरे देश पर हमला कर सकता है। अमेरिका ऐसा वियतनाम, इराक और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी कर चुका है। अमेरिका, दर्जनों देशों में सरकारों को अवैध रूप से गिरा चुका है और डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला को लेकर जो दावे कर रहे हैं वो भी निराधार ही हैं। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार ड्रग्स और आव्रजन के जरिए अमेरिका पर "आक्रमण" करने के लिए आपराधिक समूहों के साथ मिलकर काम कर रही है। जबकि हकीकत ये है कि वैश्विक ड्रग व्यापार में वेनेजुएला की भूमिका नगण्य है और खुद अमेरिका के आंतरिक खुफिया आकलनों में इस दावे के लिए बहुत कम सबूत मिले हैं कि मादुरो सरकार आपराधिक समूहों को नियंत्रित करती है।
सितंबर महीने से अमेरिका लगातार वेनेजुएला से आने वाले पानी के जहाजों पर मिसाइल हमले कर रही है। ट्रंप प्रशासन दावा करता है कि इन जहाजों के जरिए ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। लेकिन अभी तक ट्रंप प्रशासन ने ड्रग्स तस्करी को लेकर कोई सबूत नहीं दिया है। इन हमलों में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं, जिसकी आलोचना डेमोक्रेटिक पार्टी से लेकर रिपब्लिकन पार्टी ने भी की है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भी इन हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और जान गंवाने वाले लोगों की मौत को 'हत्या' बताया है। वहीं, मादुरो सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका की तरफ से सरकार गिराने के किसी भी प्रयास का कड़ा जवाब देगी।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री व्लादिमीर पैड्रिनो ने शुक्रवार को कहा, "आप इसे जैसे भी चाहें व्याख्या करें, लेकिन सशस्त्र सेनाएं यहां ऐसी सरकार को अनुमति नहीं देंगी जो संयुक्त राज्य अमेरिका के हितों के अधीन हो।" उन्होंने आगे कहा, "यह पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा सैन्य खतरा है। हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं।" डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक तनाव कम करने की अपीलों को खारिज किया है।
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