छतरपुर: बाबा बागेश्वर एक और पदयात्रा शुरू करने वाले हैं। यह यात्रा 131 किलोमीटर की होगी। यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी। बाबा बागेश्वर ने यह घोषणा हरियाणा के पानीपत में एक कथा के दौरान की। उनकी पहली पदयात्रा नवंबर 2024 में हुई थी। इस यात्रा का उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। बाबा बागेश्वर का कहना है कि वह गरीब लोगों तक पहुंचना चाहते हैं, जो किराया न होने के कारण बागेश्वर धाम नहीं आ पाते। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी कीमत पर अपने धर्म से समझौता नहीं करेंगे। 7 नवंबर से शुरू होगी पदयात्राबागेश्वर महाराज एक बार फिर पदयात्रा पर निकलने वाले हैं। यह उनकी दूसरी पदयात्रा होगी। पहली पदयात्रा 2024 में निकाली गई थी। इस बार की यात्रा 131 किलोमीटर लंबी होगी। यह यात्रा 7 नवंबर से शुरू होगी। यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लगभग 400 गांवों और शहरों से गुजरेगी। अनुमान है कि इस क्षेत्र में पांच करोड़ लोग रहते हैं। बाबा बागेश्वर का कहना है कि इस यात्रा का मकसद भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। खुद चलकर लोगों के घर पहुंचेंगे बाबा बागेश्वरपानीपत में कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने इस यात्रा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बहुत से गरीब लोग बागेश्वर धाम तक नहीं पहुंच पाते। वे VIP प्रोटोकॉल और पुलिस के कारण उनसे नहीं मिल पाते। इसलिए, वह खुद चलकर उनके घर जाएंगे और उन्हें गले लगाएंगे। धर्मांतरण कराने वालों पर हमलाबाबा बागेश्वर ने किसी समुदाय का नाम लिए बिना कहा, 'हालेलुयाह कहने वाले कान खोलकर सुन लो, हम वो हिंदू हैं जो गोली खा लेते हैं, लेकिन कलमा नहीं पढ़ते। सर कटा लेते हैं, लेकिन वतन को मिटने नहीं देते।' उन्होंने यह भी कहा कि वह 10 रुपये के लिए दुकान का नाम बदलने वालों में से नहीं हैं। वह जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने तक चैन से नहीं बैठेंगे। सफल रही थी पहली यात्राउनकी पहली पदयात्रा 160 किलोमीटर की थी। यह यात्रा नवंबर 2024 में निकाली गई थी। उस यात्रा में भारत और विदेशों से लाखों हिंदू शामिल हुए थे। फिल्म जगत, उद्योग जगत और समाज सेवा से जुड़े लोग भी इस यात्रा में शामिल हुए थे। 10 दिन चलेगी इस बार यात्राइस बार की यात्रा 10 दिनों तक चलेगी। बाबा बागेश्वर का कहना है कि यह यात्रा भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एक आंदोलन है। उनका कहना है कि बड़े लोग तो VIP प्रोटोकॉल के साथ उनसे मिल लेते हैं, लेकिन गरीब लोग उनसे नहीं मिल पाते। इसलिए, वह खुद उनके पास जाएंगे।
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