मुंबई: मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 48) पर पड़ने वाले दहिसर टोल बूथ को सरकार ने पहले शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एक अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें टोल दो किलोमीटर आगे ले जाने पर सहमति बनी थी। पिछले दिनों राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस टोल के 13 नवंबर को शिफ्ट होने की बात कही थी, लेकिन टोल बूथ के नई प्रस्तावित जगहों पर स्थानीय लोगों के विरोध के बाद सरकार ने रणनीति बदल दी है। सरकार ने फैसला किया है कि दहिसर टोल नाके को एआई (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) से लैस किया जाएगा, ताकि यहां से गुजरने वाले वाहनों का वेटिंग टाइम घटे।
AI सिस्टम से लैस होगा टोल प्लाजा
दहिसर टोला प्लाजा को मुंबई के उत्तरी प्रवेश द्वार के तौर पर जाना जाता है। टोल प्लाजा पर बढ़ते ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार अब तकनीक की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय किया है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिया है कि दहिसर टोल प्लाजा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित स्वचालित टोल वसूली प्रणाली लागू की जाए, ताकि वाहनों की आवाजाही निर्बाध हो सके। सरनाईक ने कहा कि दहिसर टोल प्लाजा पर हर दिन भारी ट्रैफिक जाम की वजह से एम्बुलेंस, स्कूल बसों और आवश्यक सेवाएं बाधित होती हैं।इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और यात्रियों का कीमती समय बर्बाद होता है।
विरोध ने फेल किया सरकार का प्लान
दहिसर टोल प्लाजा का मुद्दा सीएम फडणवीस तक पहुंचा था। यह विषय एनएचएआई के अधिकारी के सामने भी उठा था लेकिन नई जगह पर विरोध ने शिफ्ट करने की योजना पर पानी फेर दिया है। सरनाईका का कहना है कि उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में टोल प्लाज़ा को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था, परंतु स्थानीय नागरिकों के विरोध को देखते हुए अब तकनीकी समाधान को प्राथमिकता दी जा रही है। सरनाईक ने कहा कि मीटिंग में तय किया गया कि टोल वसूली को फास्ट और पारदर्शी बनाने के लिए एआई कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर स्वचालित भुगतान करेंगे। इस प्रणाली से वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें बंद हो जाएंगी।
AI सिस्टम से लैस होगा टोल प्लाजा
दहिसर टोला प्लाजा को मुंबई के उत्तरी प्रवेश द्वार के तौर पर जाना जाता है। टोल प्लाजा पर बढ़ते ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार अब तकनीक की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय किया है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिया है कि दहिसर टोल प्लाजा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित स्वचालित टोल वसूली प्रणाली लागू की जाए, ताकि वाहनों की आवाजाही निर्बाध हो सके। सरनाईक ने कहा कि दहिसर टोल प्लाजा पर हर दिन भारी ट्रैफिक जाम की वजह से एम्बुलेंस, स्कूल बसों और आवश्यक सेवाएं बाधित होती हैं।इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और यात्रियों का कीमती समय बर्बाद होता है।
विरोध ने फेल किया सरकार का प्लान
दहिसर टोल प्लाजा का मुद्दा सीएम फडणवीस तक पहुंचा था। यह विषय एनएचएआई के अधिकारी के सामने भी उठा था लेकिन नई जगह पर विरोध ने शिफ्ट करने की योजना पर पानी फेर दिया है। सरनाईका का कहना है कि उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में टोल प्लाज़ा को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था, परंतु स्थानीय नागरिकों के विरोध को देखते हुए अब तकनीकी समाधान को प्राथमिकता दी जा रही है। सरनाईक ने कहा कि मीटिंग में तय किया गया कि टोल वसूली को फास्ट और पारदर्शी बनाने के लिए एआई कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर स्वचालित भुगतान करेंगे। इस प्रणाली से वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें बंद हो जाएंगी।





