रांचीः झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और निवेश को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी के साथ अमेरिकी काउंसलेट जेनरल की विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान खनन, पर्यटन, कृषि, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संतुलन, श्रम शक्ति इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग और निवेश की संभावनाएं तलाशी गईं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ संभावनाओं पर हुई चर्चा
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि झारखंड के कई क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक संसाधनों को विस्तार से बताया। साथ ही यहां की श्रम शक्ति को हुनरमंद बनाकर कैसे योजनाओं के माध्यम से वृहद आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, उस पर प्रकाश डाला। महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण में आये बड़े बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे मुख्यमंत्री की पहल से मंईयां सम्मान योजना से महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण से लेकर श्रम का पलायन रोक कर झारखंड की आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य को बदला जा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ संभावनाओं पर भी चर्चा की। अमेरिकी काउंसलेट जेनरल कैली जाइल डियाज ने चर्चा के दौरान चिह्नित क्षेत्रों में आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुरू करने पर बल दिया।
कोयला समेत विभिन्न खनिजों के खनन की अपार संभावनाएं
खान निदेशक राहुल कुमार सिन्हा ने अमेरिकी काउंसलेट जेनरल को बताया कि खनन के क्षेत्र में कोयला समेत विभिन्न खनिजों के खनन, खनन उपकरण कारखाना स्थापना में ज्वाइंट वेंचर की अपार संभावनाएं हैं। वहीं लिथियम, ग्रेफाइट और टेटानियम के प्रसंस्करण में भी आपसी सहयोग से आगे बढ़ा जा सकता है। टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन के चेयरमैन एके रस्तोगी ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। बताया कि झारखंड पूरे भारत में सर्वाधिक 33 प्रतिशत वन क्षेत्र वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में आपसी सहयोग की बड़ी संभावना है। इसके अतिरिक्त झारखंड के पर्यटन स्थलों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में भी निवेश और सहयोग की प्रचुर संभावना है। राज्य में लगभग 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्य से जुड़े हैं, यह क्षेत्र भी सहयोग और निवेश के लिए आकर्षक क्षेत्र है।
अमेरिकी काउंसलेट जनरल के साथ बैठक के दौरान मुख्य सचिव के अतिरिक्त टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन के चेयरमैन एके रस्तोगी और अमेरिकी काउंसलेट जेनरल की सहयोगी संगीता डे चंदा उपस्थित थे।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ संभावनाओं पर हुई चर्चा
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि झारखंड के कई क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक संसाधनों को विस्तार से बताया। साथ ही यहां की श्रम शक्ति को हुनरमंद बनाकर कैसे योजनाओं के माध्यम से वृहद आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, उस पर प्रकाश डाला। महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण में आये बड़े बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे मुख्यमंत्री की पहल से मंईयां सम्मान योजना से महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण से लेकर श्रम का पलायन रोक कर झारखंड की आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य को बदला जा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ संभावनाओं पर भी चर्चा की। अमेरिकी काउंसलेट जेनरल कैली जाइल डियाज ने चर्चा के दौरान चिह्नित क्षेत्रों में आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुरू करने पर बल दिया।
कोयला समेत विभिन्न खनिजों के खनन की अपार संभावनाएं
खान निदेशक राहुल कुमार सिन्हा ने अमेरिकी काउंसलेट जेनरल को बताया कि खनन के क्षेत्र में कोयला समेत विभिन्न खनिजों के खनन, खनन उपकरण कारखाना स्थापना में ज्वाइंट वेंचर की अपार संभावनाएं हैं। वहीं लिथियम, ग्रेफाइट और टेटानियम के प्रसंस्करण में भी आपसी सहयोग से आगे बढ़ा जा सकता है। टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन के चेयरमैन एके रस्तोगी ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। बताया कि झारखंड पूरे भारत में सर्वाधिक 33 प्रतिशत वन क्षेत्र वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में आपसी सहयोग की बड़ी संभावना है। इसके अतिरिक्त झारखंड के पर्यटन स्थलों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में भी निवेश और सहयोग की प्रचुर संभावना है। राज्य में लगभग 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्य से जुड़े हैं, यह क्षेत्र भी सहयोग और निवेश के लिए आकर्षक क्षेत्र है।
अमेरिकी काउंसलेट जनरल के साथ बैठक के दौरान मुख्य सचिव के अतिरिक्त टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन के चेयरमैन एके रस्तोगी और अमेरिकी काउंसलेट जेनरल की सहयोगी संगीता डे चंदा उपस्थित थे।
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