नई दिल्ली: चेन्नई से दिल्ली का ट्रेन सफर एक मां के लिए किसी बुरे सपने में बदल गया। उसके साथ सफर कर रहे एक शख्स ने महिला के तीन महीने के बच्चे को किडनैप कर लिया। बच्चे के गुम होते ही महिला के हाथ-पांव फूल गए। उसे समझ नहीं आया कि आखिर वो करे तो क्या करे। कहां से वो अपने जिगर को टुकड़े को वापस हासिल करे। तुरंत ही उसने मामले की सूचना पुलिस को दी। गनीमत ये रही शिकायत मिलते ही पुलिस ने एक्शन लिया और बच्चे को 18 घंटे के अंदर राजस्थान से ढूंढ निकाला और उसे उसकी मां को सौंप दिया। पूरा मामला विश्वास और दोस्ती में धोखे से जुड़ा है।
जितेंद्र नाम के शख्स ने किया बच्चा किडनैप
अकसर ही कहा जाता है कि ट्रेन में अनजान लोगों पर ज्यादा भरोसा नहीं करें। ऐसा करना कई बार बड़ी मुश्किल की वजह बन सकता है। ऐसा ही कुछ चेन्नई की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ, जो 19 अगस्त को अपने बच्चे संग दिल्ली में आनंद पर्वत अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रही थी। ट्रेन में उसकी मुलाकात जितेंद्र कुमार नाम के एक शख्स से हुई। जितेंद्र राजस्थान के खेतरी का रहने वाला है और उसकी उम्र 32 साल है। दो घंटे में ही जितेंद्र ने महिला का विश्वास जीत लिया। उसने महिला को उसके डेस्टिनेशन तक पहुंचाने में मदद करने की पेशकश की। दिल्ली पहुंचने पर, वह महिला के साथ आनंद पर्वत गया।
महिला से दोस्ती और फिर बच्चा लेकर हुआ फरार
पुलिस ने बताया कि जितेंद्र ने महिला से कहा कि वह बच्चे के लिए एक दुकान से कपड़े खरीद ले। उसने महिला को 150 रुपये दिए और उसे दुकान के अंदर जाने के लिए कहा। उसने कहा कि वह बच्चे के साथ बाहर इंतजार करेगा। महिला दुकान में गई, लेकिन जब वह बाहर आई तो उसने देखा कि जितेंद्र और उसका बच्चा दोनों गायब थे। महिला तुरंत पुलिस स्टेशन गई और किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने तुरंत बच्चे की तलाश शुरू कर दी।
कैसे आरोपी तक पहुंची पुलिस
DCP (सेंट्रल) निधिन वाल्सन ने कहा कि पुलिस टीम ने आनंद पर्वत और आसपास के इलाकों में 100 से अधिक CCTV कैमरों की जांच की। फुटेज में जितेंद्र बच्चे को ले जाते हुए दिखाई दिया। उनकी पहचान के लिए, पुलिस ने AI-आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) का इस्तेमाल किया। कुछ ही घंटों में, संदिग्ध की पहचान राजस्थान के जितेंद्र कुमार के रूप में हुई। तुरंत ही पुलिस की एक टीम राजस्थान भेजी गई। स्थानीय पुलिस की मदद से, आरोपी को उसके गांव खेतरी में ढूंढ लिया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
फिर मां से मिला तीन महीने का मासूम
पुलिस ने आरोपी जितेंद्र के पास से बच्चे को सुरक्षित ले लिया। फिर उस मासूम को उसकी मां को सौंप दिया गया। DCP वाल्सन ने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान, जितेंद्र ने कबूल किया कि उसने यह अपराध एक रिश्तेदार के कहने पर किया था, जो अपने वारिस के लिए एक लड़के को लेकर बेताब था। रिश्तेदार ने उस पर एक बच्चा खोजने का दबाव डाला था और बदले में फंडिंग का वादा किया था। पैसों के लालच में जितेंद्र ने इस घटना को अंजाम दिया।
जितेंद्र नाम के शख्स ने किया बच्चा किडनैप
अकसर ही कहा जाता है कि ट्रेन में अनजान लोगों पर ज्यादा भरोसा नहीं करें। ऐसा करना कई बार बड़ी मुश्किल की वजह बन सकता है। ऐसा ही कुछ चेन्नई की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ, जो 19 अगस्त को अपने बच्चे संग दिल्ली में आनंद पर्वत अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रही थी। ट्रेन में उसकी मुलाकात जितेंद्र कुमार नाम के एक शख्स से हुई। जितेंद्र राजस्थान के खेतरी का रहने वाला है और उसकी उम्र 32 साल है। दो घंटे में ही जितेंद्र ने महिला का विश्वास जीत लिया। उसने महिला को उसके डेस्टिनेशन तक पहुंचाने में मदद करने की पेशकश की। दिल्ली पहुंचने पर, वह महिला के साथ आनंद पर्वत गया।
महिला से दोस्ती और फिर बच्चा लेकर हुआ फरार
पुलिस ने बताया कि जितेंद्र ने महिला से कहा कि वह बच्चे के लिए एक दुकान से कपड़े खरीद ले। उसने महिला को 150 रुपये दिए और उसे दुकान के अंदर जाने के लिए कहा। उसने कहा कि वह बच्चे के साथ बाहर इंतजार करेगा। महिला दुकान में गई, लेकिन जब वह बाहर आई तो उसने देखा कि जितेंद्र और उसका बच्चा दोनों गायब थे। महिला तुरंत पुलिस स्टेशन गई और किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने तुरंत बच्चे की तलाश शुरू कर दी।
कैसे आरोपी तक पहुंची पुलिस
DCP (सेंट्रल) निधिन वाल्सन ने कहा कि पुलिस टीम ने आनंद पर्वत और आसपास के इलाकों में 100 से अधिक CCTV कैमरों की जांच की। फुटेज में जितेंद्र बच्चे को ले जाते हुए दिखाई दिया। उनकी पहचान के लिए, पुलिस ने AI-आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) का इस्तेमाल किया। कुछ ही घंटों में, संदिग्ध की पहचान राजस्थान के जितेंद्र कुमार के रूप में हुई। तुरंत ही पुलिस की एक टीम राजस्थान भेजी गई। स्थानीय पुलिस की मदद से, आरोपी को उसके गांव खेतरी में ढूंढ लिया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
फिर मां से मिला तीन महीने का मासूम
पुलिस ने आरोपी जितेंद्र के पास से बच्चे को सुरक्षित ले लिया। फिर उस मासूम को उसकी मां को सौंप दिया गया। DCP वाल्सन ने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान, जितेंद्र ने कबूल किया कि उसने यह अपराध एक रिश्तेदार के कहने पर किया था, जो अपने वारिस के लिए एक लड़के को लेकर बेताब था। रिश्तेदार ने उस पर एक बच्चा खोजने का दबाव डाला था और बदले में फंडिंग का वादा किया था। पैसों के लालच में जितेंद्र ने इस घटना को अंजाम दिया।
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