ग्वालियर। शहर के एक माता-पिता को अपने बेटे को टेबलेट पर गेम खेलने से डांटना भारी पड़ गया। उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को पढ़ाई के लिए मंहगा टेबलेट दिलाया था, लेकिन बेटा दिनभर गेम खेलने में लगा रहता था। परिजन ने जब उसे डांटा तो इतना गुस्सा हो गया कि चुपचाप घर से भाग गया। इधर दो दिन तक परिजन की जान हलक में अटकी रही। गनीमत रही कि नाबालिग भोपाल रेलवे स्टेशन पर पुलिस को सकुशल मिल गया।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार लोहामंडी क्षेत्र से लापता हुए एक 16 वर्षीय नाबालिग बालक को पुलिस ने तीन दिन की मशक्कत के बाद भोपाल रेलवे स्टेशन से सकुशल दस्तयाब कर लिया है। जानकारी के अनुसार बालक टेबलेट पर गेम खेलने को लेकर परिजनों की डांट से नाराज होकर बिना बताए घर छोड़कर चला गया था। फरियादी सुनील (परिवर्तित नाम) निवासी लोहामंडी ने थाना ग्वालियर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 3 अगस्त की दोपहर वह अपनी दुकान पर था। घर पर उसकी पत्नी और 16 वर्ष 5 माह का बेटा मौजूद थे। पत्नी घर के कामों में व्यस्त थी, तभी बेटा बैग में कपड़े और जरूरी दस्तावेज लेकर अचानक लापता हो गया। परिजनों ने आसपास और रिश्तेदारों के यहां काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। पिता को शक हुआ कि कोई अज्ञात व्यक्ति उनके बेटे को बहला-फुसलाकर अपने साथ न ले गया हो। इस आशंका के बाद उन्होंने पुलिस में अपहरण का केस दर्ज कराया था।
भोपाल रेलवे स्टेशन पर बैठा मिला नाबालिग
गुमशुदा बालक की तलाश के लिए थाना ग्वालियर की एक विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्य और संभावित ठिकानों की जांच करने के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गायब नाबालिग बच्चा भोपाल में है। इसके बाद 6 अगस्त को पुलिस टीम ने भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचकर बालक को सकुशल दस्तयाब कर लिया।
परिजन डांटते थे, इसलिए गुस्सा होकर चला गया था
पुलिस द्वारा जब नाबालिग से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि कुछ दिन पहले पिता ने उसे पढ़ाई के लिए एक टेबलेट दिलवाया था। टेबलेट में गेम खेलने पर परिजन उसे डांटते थे। जिससे वह गुस्सा होकर अपनी मर्जी से 3 अगस्त को ग्वालियर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर भोपाल चला गया। बालक ने बताया कि वह किसी के बहकावे में नहीं आया था, बल्कि खुद की इच्छा से घर छोड़ा था। ग्वालियर थाना पुलिस द्वारा बालक के बयान कोर्ट में कराए जाने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार लोहामंडी क्षेत्र से लापता हुए एक 16 वर्षीय नाबालिग बालक को पुलिस ने तीन दिन की मशक्कत के बाद भोपाल रेलवे स्टेशन से सकुशल दस्तयाब कर लिया है। जानकारी के अनुसार बालक टेबलेट पर गेम खेलने को लेकर परिजनों की डांट से नाराज होकर बिना बताए घर छोड़कर चला गया था। फरियादी सुनील (परिवर्तित नाम) निवासी लोहामंडी ने थाना ग्वालियर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 3 अगस्त की दोपहर वह अपनी दुकान पर था। घर पर उसकी पत्नी और 16 वर्ष 5 माह का बेटा मौजूद थे। पत्नी घर के कामों में व्यस्त थी, तभी बेटा बैग में कपड़े और जरूरी दस्तावेज लेकर अचानक लापता हो गया। परिजनों ने आसपास और रिश्तेदारों के यहां काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। पिता को शक हुआ कि कोई अज्ञात व्यक्ति उनके बेटे को बहला-फुसलाकर अपने साथ न ले गया हो। इस आशंका के बाद उन्होंने पुलिस में अपहरण का केस दर्ज कराया था।
भोपाल रेलवे स्टेशन पर बैठा मिला नाबालिग
गुमशुदा बालक की तलाश के लिए थाना ग्वालियर की एक विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्य और संभावित ठिकानों की जांच करने के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गायब नाबालिग बच्चा भोपाल में है। इसके बाद 6 अगस्त को पुलिस टीम ने भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचकर बालक को सकुशल दस्तयाब कर लिया।
परिजन डांटते थे, इसलिए गुस्सा होकर चला गया था
पुलिस द्वारा जब नाबालिग से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि कुछ दिन पहले पिता ने उसे पढ़ाई के लिए एक टेबलेट दिलवाया था। टेबलेट में गेम खेलने पर परिजन उसे डांटते थे। जिससे वह गुस्सा होकर अपनी मर्जी से 3 अगस्त को ग्वालियर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर भोपाल चला गया। बालक ने बताया कि वह किसी के बहकावे में नहीं आया था, बल्कि खुद की इच्छा से घर छोड़ा था। ग्वालियर थाना पुलिस द्वारा बालक के बयान कोर्ट में कराए जाने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है।
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