लखनऊ: एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सॉफ्ट पोर्न दिखाने वाले कुछ भारतीय ऐप्स को बैन कर दिया। इनमें उल्लू, एएलटी बालाजी, देसीफ्लिक्स और बिगशॉट्स जैसे नाम भी शामिल हैं। क्या आपको मालूम है कि उल्लू ऐप के मालिक विभु अग्रवाल लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया है। जापान से एमबीए और अमेरिका से पीएचडी हैं। सरकार ने इन ऐप्स पर आईटी एक्ट, 2000 और अन्य कानूनों के उल्लंघन के चलते बैन लगाया है।
विभु अग्रवाल ने उल्लू ऐप के जरिये करोड़ों की कमाई की है। उन्होंने 30 साल 1995 में जेपीको इंडिया नाम से अपना पहला बिजनेस शुरू किया था। यह एक स्टील प्रोडक्शन का बिजनेस था, जो टीएमटी बार बनाती थी। इसकी शुरुआत उन्होंने एक छोटे से गांव से की थी, लेकिन देखते ही देखते यह उत्तर भारत का सफल बिजनेस बन गया। इसके बाद उन्होंने टेक इंडस्ट्री में हाथ आजमाया। वहां भी सफलता मिलने के बाद उन्होंने मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में कदम रखा और उल्लू एप बना डाला।
2018 में लॉन्च हुआ उल्लू ऐपविभु अग्रवाल श्री जय प्रकाश चैरिटेबल के नाम से एक ट्रस्ट भी चलाते हैं। उन्होंने 2018 में उल्लू एप को लॉन्च किया जिस पर सॉफ्ट पॉर्न यानी बोल्ड कंटेंट पब्लिश किया जाता है। देशभर में उल्लू ऐप के करीब 5 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। इसका सब्सक्रिप्शन 10 दिन से लेकर साल भर के लिए अलग-अलग दामों पर उपलब्ध था।
बाल अधिकार आयोग ने की थी कंटेंट की आलोचनाउल्लू एप की सफलता के बाद विभु अग्रवाल ने अतरंगी एप भी लॉन्च किया, जो काफी सक्सेस हुआ। इसके बाद उन्होंने माइथोलॉजिकल कंटेट के लिए हरी ओम ऐप भी लॉन्च किया। उल्लू एप ने वित्त-वर्ष 2024 (FY2024) में 100 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया जबकि 15.14 करोड से ज्यादा का नेट प्रॉफिट कमाया। बाल अधिकार आयोग ने उल्लू ऐप के कंटेंट की आलोचना की थी।
विभु अग्रवाल ने उल्लू ऐप के जरिये करोड़ों की कमाई की है। उन्होंने 30 साल 1995 में जेपीको इंडिया नाम से अपना पहला बिजनेस शुरू किया था। यह एक स्टील प्रोडक्शन का बिजनेस था, जो टीएमटी बार बनाती थी। इसकी शुरुआत उन्होंने एक छोटे से गांव से की थी, लेकिन देखते ही देखते यह उत्तर भारत का सफल बिजनेस बन गया। इसके बाद उन्होंने टेक इंडस्ट्री में हाथ आजमाया। वहां भी सफलता मिलने के बाद उन्होंने मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में कदम रखा और उल्लू एप बना डाला।
2018 में लॉन्च हुआ उल्लू ऐपविभु अग्रवाल श्री जय प्रकाश चैरिटेबल के नाम से एक ट्रस्ट भी चलाते हैं। उन्होंने 2018 में उल्लू एप को लॉन्च किया जिस पर सॉफ्ट पॉर्न यानी बोल्ड कंटेंट पब्लिश किया जाता है। देशभर में उल्लू ऐप के करीब 5 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। इसका सब्सक्रिप्शन 10 दिन से लेकर साल भर के लिए अलग-अलग दामों पर उपलब्ध था।
बाल अधिकार आयोग ने की थी कंटेंट की आलोचनाउल्लू एप की सफलता के बाद विभु अग्रवाल ने अतरंगी एप भी लॉन्च किया, जो काफी सक्सेस हुआ। इसके बाद उन्होंने माइथोलॉजिकल कंटेट के लिए हरी ओम ऐप भी लॉन्च किया। उल्लू एप ने वित्त-वर्ष 2024 (FY2024) में 100 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया जबकि 15.14 करोड से ज्यादा का नेट प्रॉफिट कमाया। बाल अधिकार आयोग ने उल्लू ऐप के कंटेंट की आलोचना की थी।
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