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Bihar Chunav 2025: प्रशांत किशोर ने असदुद्दीन ओवैसी को दी सलाह, सीमांचल के बजाए अपना किला संभालें

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पटना: पूर्व चुनाव रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी को सलाह दी कि वे पूर्वांचल में आने के बजाए अपना हैदराबाद संभालें। उन्होंने कहा कि सीमांचल का नेतृत्व सीमांचल के ही नेताओं को करने दें। उन्होंने बिहार के किशनगंज में यह बात कही।

बिहार में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के प्रचार में जुटे प्रशांत किशोर ने एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को लेकर कहा कि, "वे मेरे मित्र हैं तो उन्हें मेरा सुझाव है, बिना मांगा हुआ, कि वे आप हैदराबाद संभालिए और हैदराबाद में अपना किला बजाईए, बेकार में सीमांचल में आकर और कन्फ्यूजन पैदा मत करिए।"

बंगाल में ओवैसी कुछ नहीं कर सके प्रशांत किशोर ने ओवैसी से कहा कि, ''अगर आप हैदराबाद संभाल लिए होते, तेलंगाना में मुसलमानों का भला कर दिए होते तो बढ़िया होता। बंगाल में चुनाव हो रहा था तो वहां पर आईएसएफ और ओवैसी साहब के लोग आए थे। लेकिन सारे मुसलमानों ने कहा कि नहीं भाई हम लोगों को टीएमसी पर भरोसा है। हम लोगों को भाजपा से लड़ाई में इस सब चक्कर में नहीं पड़ना है। ओवैसी साहब वहां कुछ नहीं कर सके।''



उन्होंने कहा कि, ''इस बार सीमांचल के मुसलमान वह गलती नहीं करेंगे जो 2020 में हुई। ओवैसी साहब का सम्मान है, बहुत बढ़िया तकरीर करते हैं, पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। लेकिन उनको हैदराबाद में रहने दीजिए। सीमांचल के नेता, जिनको सीमांचल की रहनुमाई करनी है, वह सीमांचल का नेता होना चाहिए। हैदराबाद से आकर सीमांचल में आकर नया नेतृत्व खड़ा करने की जरूरत नहीं है।''

बिहार में एसआईआर में क्या किसी का नाम कटा?इससे पहले पूर्णिया में प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग की ओर से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के चरण 2 की घोषणा किए जाने पर कहा, "एसआईआर बिहार में हुआ था लेकिन उससे क्या हुआ? क्या किसी का नाम कटा? कुछ लोगों को परेशानी हुई लेकिन बीजेपी वाले कितना भी जोर लगा लें, जब जनता आपके खिलाफ हो जाएगी तो एसआईआर कीजिए या एफआईआर कीजिए, कुछ नहीं होने वाला है।"

प्रशांत किशोर ने कटिहार में छठ पर्व पर ट्रेनों में भीड़ को लेकर सरकार को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, "80 लाख से ज्यादा बिहार के बच्चे दूसरी जगहों से जानवरों की तरह ट्रेन और बस से यहां आए हैं। जन सुराज ने एक ही वादा किया है कि अगर 14 तारीख को जनसुराज की व्यवस्था बन गई तो जो लोग छठ में घर आए हैं अब इन्हें 10-12 हजार रुपये की मजदूरी के लिए वापस नहीं जाना है। 11 तारीख को स्कूल के बस्ता छाप पर बटन दबाएं और 14 तारीख के बाद अपने फैक्ट्री के लोगों को बता दीजिए कि अब आप वापस नहीं जाएंगे।"
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