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न्याय का मंदिर बनाएं, 7 स्टार होटल नहीं...CJI गवई ने मुंबई में आर्किटेक्ट को दी नसीहत, जानें वजह

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मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने बुधवार को मुंबई दौरे में लॉ यूनिवर्सिटी के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इस मौके पर गवई ने आर्किटेक्ट को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत को स्टार होटल नहीं बल्कि न्याय मंदिर बनाएं। सीजेआई गवई ने कहा कि मैंने मीडिया में पढ़ा कि नई इमारत में एक लिफ्ट केवल दो जज साझा करेंगे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अब जज कोई सामंती शासक नहीं हैं। हे ट्रायल कोर्ट का जज हो या सुप्रीम कोर्ट का, हम सभी जनता की सेवा के लिए हैं, इसलिए इस भवन में वैभव हो, लेकिन दिखावा नहीं।




4,217 करोड़ रुपये है लागत

बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग की लागत पहले लगभग 3,750 करोड़ आंकी गई थी, जो अब बढ़कर 4,217 करोड़ हो गई है। महाराष्ट्र सरकार ने इस निर्माण के लिए 30 एकड़ जमीन आवंटित की है, जिसमें से 15 एकड़ जमीन सौंप दी गई है। शेष 15 एकड़ मार्च 2026 तक दी जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत का शिलान्यास बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रमुख उपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई के करकमलों से किया गया। इस अवसर पर बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री शिवेंद्रसिंह राजे भोसले मौजूद रहे।



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किसने डिजाइन की है बिल्डिंग?
बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग को वास्तुकार हाफिज कॉन्ट्रैक्टर ने डिजाइन किया है। सीजेआई ने उनसे अपील की कि भव्यता के साथ-साथ सादगी और सार्वजनिक सेवा की भावना भी बनी रहनी चाहिए। हाफिज कॉन्ट्रैक्टर देश के जाने-माने ऑर्किटेक्ट हैं। गौरतलब हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग की सोशल मीडिया और मीडिया में चर्चा उसकी भव्यता को लेकर हो रही थी। अब सीजेआई गवई ने तगड़ी नसीहत दे दी है। मुंबई में बॉम्बे हाईकोर्ट के नए इंटीग्रेटेड कॉम्पलेक्स का निर्माण बांद्रा गवर्नमेंट कॉलोनी एरिया में हो रहा है। यह वेस्टर्न एक्सप्रेसवे हाईवे पर है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग एक अनुमान के अनुसार ओवल के छह मैदान के बराबर होगी। इसमें 75 कोर्ट रूम होंगे।
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