नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सरदार वल्लभभाई पटेल की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने गुजरात की उपलब्धि की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने वडोदरा शहर को लेकर भी बोले।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात एक ऐसी धरती है जिसने देश को विचार, विचारधारा और नेतृत्व दिया है। यही वह धरती है जहां महर्षि दयानंद सरस्वती ने सामाजिक जागृति की मशाल जलाई थी। यहीं सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।
गुजरात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा दूरदर्शी नेतृत्व दिया, जिसने देश की राजनीति में विकास और राष्ट्रहित की नई परिभाषा गढ़ने में कामयाबी हासिल की है। अगर मैं खास तौर पर वडोदरा की बात करूं, तो यह मुझे सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम लगता है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय की जमकर की तारीफ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय सिर्फ एक शैक्षनिक संस्थान नहीं है। यह संस्थान उन संस्थानों में नहीं आता है जिन्हें हम आम तौर पर परंपरागत संस्थान कहते हैं। यह एक गतिशक्ति विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय आकांक्षा को मूर्त रूप दे रहा है। यह विश्वविद्यालय अपने नाम की तरह गति और शक्ति दोनों का सही उदाहरण है। साथियों आपके संस्थान की एक विशेषता भी है कि यह शुद्ध रूप से अप्लाइड नॉलेज पर विशेष रूप से बल देता है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना अगस्त 2022 में की गई थी
गति शक्ति विश्वविद्यालय जिसे पहले राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान के नाम से जाना जाता था। जीएसवी भारत का पहला परिवहन एवं रसद विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना अगस्त 2022 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।
गति शक्ति विश्वविद्यालय के प्रमुख कोर्स
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात एक ऐसी धरती है जिसने देश को विचार, विचारधारा और नेतृत्व दिया है। यही वह धरती है जहां महर्षि दयानंद सरस्वती ने सामाजिक जागृति की मशाल जलाई थी। यहीं सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।
गुजरात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा दूरदर्शी नेतृत्व दिया, जिसने देश की राजनीति में विकास और राष्ट्रहित की नई परिभाषा गढ़ने में कामयाबी हासिल की है। अगर मैं खास तौर पर वडोदरा की बात करूं, तो यह मुझे सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम लगता है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय की जमकर की तारीफ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय सिर्फ एक शैक्षनिक संस्थान नहीं है। यह संस्थान उन संस्थानों में नहीं आता है जिन्हें हम आम तौर पर परंपरागत संस्थान कहते हैं। यह एक गतिशक्ति विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय आकांक्षा को मूर्त रूप दे रहा है। यह विश्वविद्यालय अपने नाम की तरह गति और शक्ति दोनों का सही उदाहरण है। साथियों आपके संस्थान की एक विशेषता भी है कि यह शुद्ध रूप से अप्लाइड नॉलेज पर विशेष रूप से बल देता है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना अगस्त 2022 में की गई थी
गति शक्ति विश्वविद्यालय जिसे पहले राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान के नाम से जाना जाता था। जीएसवी भारत का पहला परिवहन एवं रसद विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना अगस्त 2022 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।
गति शक्ति विश्वविद्यालय के प्रमुख कोर्स
- इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एम.टेक.
- रेलवे इंजीनियरिंग में एम.टेक.
- ब्रिज और टनल इंजीनियरिंग में एम.टेक.
- सड़क और राजमार्ग इंजीनियरिंग में एम.टेक.
You may also like
बिहार: भाई ने भाई को मारी गोली, छत पर चढ़कर करता रहा ड्रामा, ड्रोन कैमरे के मदद से पुलिस की गिरफ्तारी
बेशर्म ही नहीं, खेल भावना भी भूल गए थे अंग्रेज कप्तान, जब होश आया तो यूं रविंद्र जडेजा से हाथ मिलाने दौड़ पड़े
बिहार वोटर लिस्ट: 7.24 करोड़ वोटरों ने जमा किया फॉर्म, ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने में जुटा आयोग
नागद्वारी मेलाः अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए पद्मशेष नामदेवता के दर्शन
MP में फिर इंजीनियरिंग की मिसाल! बिना खंभे हटाए बना दी सड़क, बीचे में छोड़े पोल से रोज हो रहे हादसे, प्रशासन मौन