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136 कैमरे, 83 लोकेशन और 13700 फीट की ऊंचाई! पहली बार दिखी रहस्यमयी बिल्ली, अरुणाचल का दुर्लभ नजारा

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अरुणाचल प्रदेश में तवांग की बर्फ से ढकी चोटियों में कुछ ऐसा दिखा है, जिसकी झलक आज तक भारत में नहीं हुई है। बरसों से जिस रहस्यमयी बिल्ली के किस्से सुने जाते थे, पहली बार उसकी तस्वीर कैमरे में कैद हुई है। अरुणाचल प्रदेश में हुए वाइल्डलाइफ सर्वे में पहली बार दुर्लभ पाला बिल्ली (Palla's Cat) के सबूत मिले हैं। पूर्वी हिमालय ग्लोबल बायोडाइवर्सिटी का हॉटस्पॉट है, यह इन तस्वीरों से साबित हो गया है।



WWF-India की ओर से अरुणाचल के जंगलों में सर्वे कराया गया था। इस दौरान बेहद अद्भुत नजारे कैमरे में कैद हुए। रहस्यमयी पाला बिल्ली के अलावा हिम तेंदुए (Snow Leopard), तेंदुए, क्लाउडेड लैपर्ड, मारबल कैट भी 4200 मीटर (17000 फीट से ज्यादा) की ऊंची पहाड़ियों पर दिखे हैं। WWF-India के हिमालय प्रोग्राम के हेड साइंस व कंजरवेशन ऋषि कुमार शर्मा के मुताबिक अरुणाचल में करीब 5000 मीटर की ऊंचाई पर पाला बिल्ली का मिलना यह बताता है कि हिमालय की ऊंची पहाड़ियों के बारे में हम कितना कम जानते हैं।



पाला बिल्ली के बारे में कम जानकारी पाला बिल्ली कितनी रहस्यमयी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस जंगली बिल्ली के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है। अब अरुणाचल में इसकी तस्वीर ली गई है। पाला बिल्ली सिक्किम और भूटान समेत पूर्वी हिमालयन रेंज की ऊंचाइयों पर मिलती है। पाला बिल्ली के छोटे पैर होते हैं और काफी ज्यादा फर होते हैं। इसे मानुल भी कहा जाता है और पथरीले पहाड़ो में ही रहती है। इसकी पूंछ बहुत ही मोटी है, जिससे कड़कती सर्दी में अपने पंजों को गर्म रखती है। इसकी आवाज जंगली बिल्ली से ज्यादा एक छोटे कुत्ते जैसी होती है।



136 कैमरे और 2000 वर्ग किलोमीटर में सर्वे हालांकि यह सर्वे पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच किया गया था। इसे अब सार्वजनिक किया गया है। WWF-India का दावा है कि पश्चिमी कामेंग और तवांग के जिलों में ऊंची पहाड़ियों वाले क्षेत्र में यह सर्वे किया गया। इस दौरान 136 कैमरा ट्रैप से 2000 वर्ग किलोमीटर का एरिया कवर किया गया। इस लिहाज से यह अपने आप में काफी बड़ा सर्वे है। पाला बिल्ली की तस्वीरों के अलावा सर्वे में काफी कुछ देखने को मिला। 4600 मीटर की ऊंचाई पर तेंदुए पाए गए। जबकि 4650 मीटर की ऊंचाई पर क्लाउडेड लैपर्ड कैमरे में कैद हुए। 4326 मीटर की हाइट पर मार्बल कैट मिली। इसी तरह 4194 मीटर की हाइट पर हिमालयन वुड उल्लू और 4506 मीटर पर उड़ने वाली गिलहरी मिली।



भारत में नया रिकॉर्ड सर्वे में यह भी कहा गया है कि ऊंचाई के हिसाब से अब तक जो प्रजातियां मिली हैं, यह भारत में अब तक सबसे ज्यादा ऊंचाई है। इस तरह से यह पिछले रिकॉर्ड तोड़ सकती है। अरुणाचल के जंगलसें के प्रिंसिपल चीफ कंसर्वेटर और चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन गिल्यांग टैम का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश में पाला बिल्ली का मिलना पूर्वी हिमालय की वाइल्डलाइफ रिसर्च में नया मील का पत्थर है।

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