जितेंद्र कुमार मौर्य, बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिला सत्र न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने पत्नी की हत्या के बाद सिर काट कर गांव में घूमने वाले पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 16 फरवरी 2024 में आरोपी अनिल एक हाथ में बांका (हथियार) और दूसरे हाथ के झोले में पत्नी का कटा सिर लेकर गांव की सड़कों पर घूम रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष की ठोस गवाही और साक्ष्यों पर अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
डीजीसी क्रिमिनल अमित अवस्थी के मुताबिक, मसौली थाना क्षेत्र के भूलीगंज के रहने वाले लाल बहादुर ने फतेहपुर कोतवाली में 16 फरवरी 2024 को तहरीर देकर बताया कि उसने अपनी बेटी वंदना की शादी आठ साल पहले फतेहपुर थाना क्षेत्र के बसारा गांव के रहने वाले अनिल कन्नौजिया के साथ की थी। वादी ने बताया था कि उसकी बेटी के दो बच्चे हैं। दामाद अनिल कुमार अक्सर उसकी बेटी पर आरोप लगा कर प्रताड़ित करता रहता था।
21 महीने पहले खौफनाक वारदात को अंजाम
16 फरवरी 2024 को सुबह 9 बजे सूचना मिली कि उसके दामाद अनिल कुमार ने उसकी बेटी वंदना की बांके से गला काटकर हत्या कर दी और अनिल ने हत्या करने के बाद मृतका का सिर झोले में रखकर और एक हाथ मे बांका लेकर गांव में घूम रहा है।
तहरीर पर पुलिस ने अनिल कन्नौजिया के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। तत्कालीन विवेचक इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार सिंह में साक्ष्य संकलन कर वैज्ञानिक विधि से विवेचना पूरी कर आरोपी अनिल कुमार पुत्र स्व. बनवारी लाल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई।
ठोस गवाहों पर मिली उम्रकैद की सजा
डीजीसी अमित अवस्थी और आशीष गुप्ता ने बताया। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह पेश किए। गवाही और अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद सेशन्स जज प्रतिमा श्रीवास्तव ने आरोपी अनिल कुमार को दोषी करार दिया है। जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
डीजीसी क्रिमिनल अमित अवस्थी के मुताबिक, मसौली थाना क्षेत्र के भूलीगंज के रहने वाले लाल बहादुर ने फतेहपुर कोतवाली में 16 फरवरी 2024 को तहरीर देकर बताया कि उसने अपनी बेटी वंदना की शादी आठ साल पहले फतेहपुर थाना क्षेत्र के बसारा गांव के रहने वाले अनिल कन्नौजिया के साथ की थी। वादी ने बताया था कि उसकी बेटी के दो बच्चे हैं। दामाद अनिल कुमार अक्सर उसकी बेटी पर आरोप लगा कर प्रताड़ित करता रहता था।
21 महीने पहले खौफनाक वारदात को अंजाम
16 फरवरी 2024 को सुबह 9 बजे सूचना मिली कि उसके दामाद अनिल कुमार ने उसकी बेटी वंदना की बांके से गला काटकर हत्या कर दी और अनिल ने हत्या करने के बाद मृतका का सिर झोले में रखकर और एक हाथ मे बांका लेकर गांव में घूम रहा है।
तहरीर पर पुलिस ने अनिल कन्नौजिया के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। तत्कालीन विवेचक इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार सिंह में साक्ष्य संकलन कर वैज्ञानिक विधि से विवेचना पूरी कर आरोपी अनिल कुमार पुत्र स्व. बनवारी लाल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई।
ठोस गवाहों पर मिली उम्रकैद की सजा
डीजीसी अमित अवस्थी और आशीष गुप्ता ने बताया। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह पेश किए। गवाही और अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद सेशन्स जज प्रतिमा श्रीवास्तव ने आरोपी अनिल कुमार को दोषी करार दिया है। जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
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