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बिहार: सलाह की सियासत से 'किला' भेदने में जुटे नेता? मेंटल प्रेशर से चक्रव्यूह को चकनाचूर करने की तैयारी

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पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों सलाह की राजनीति चरमोत्कर्ष पर है। जिसे देखिए वो उम्र में छोटा हो या बड़ा नसीहत देने में तनिक भी देर नहीं करते। इस नसीहत में कहीं न कहीं कथनी और करनी के विभेद को सामने रख सही राह भी दिखाते हैं। बिहार में आजकल कई ऐसे नेता हैं जो राजनीति के साथ-साथ सलाह की भी दुकान चला रहे हैं।





नीतीश को कुशवाहा ने दी सलाहराष्ट्रीय लोक मोर्चा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में सीएम नीतीश कुमार को सलाह दी। उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार को जदयू और सत्ता की कमान किसी और को देने की सलाह दे डाली। उपेंद्र कुशवाहा ने निशांत को उम्मीद बताते हुए कहा था कि बिहार को नीतीश कुमार जैसे अनुभवी सीएम के नेतृत्व की जरूरत है। लेकिन पार्टी की जिम्मेदारी के साथ सीएम का पद संभालने को कठिन बताया था। कहा था कि नीतीश जी को तुरंत इस पर फैसला करना चाहिए। देर हुई तो ऐसा नुकसान हो सकता है जिसकी भरपाई संभव नहीं हो।





चिराग को सलाह मिली पीके सेजन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सलाह दी कि बिहार की राजनीति में कदम रखना है तो सबसे पहले केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा दें। पीके इसके साथ-साथ चिराग के गुणों की बखान भी करते हैं। चिराग को 'नया लड़का' बताते हैं जो 'जात-पात' की बात नहीं करता। बिहार की राजनीति में चिराग का आना बिहार के लिए अच्छी बात है। बिहार को अगले 20-25 साल की राजनीति के लिए युवा नेतृत्व की जरूरत है।





पीके ने दी कुशवाहा को सलाहजन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए और राज्यसभा सांसद का पद दोनों छोड़ देने की नसीहत दी है। एक तरफ तो वे कहते हैं कि संगठन और सरकार चलाना दोनों ही नीतीश कुमार के वश की बात नहीं। पीके ने इन बयानों के आधार पर कहा कि जब उनको नीतीश कुमार के लीडरशीप पर भरोसा नहीं है तो एनडीए में क्यों बने हुए हैं? नीतीश कुमार की मदद से राज्यसभा में जाएंगे, मंत्री बनना चाहेंगे और उनकी शिकायत भी करेंगे तो दोनों नहीं चलेगा। उन्हें तत्काल राज्यसभा से त्यागपत्र दे देना चाहिए।





तेजस्वी ने दी चिराग को सलाहइन दिनों लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार बढ़ते अपराध पर अपनी ही सरकार का कान उमेठ रहे हैं। चिराग पासवान के इस सरकार विरोधी बयान को तेजस्वी हाथी का दांत मानते हैं। तेजस्वी सलाह भी देते हैं कि इतना ही असहमति है नीतीश की सरकार से तो सबसे पहले केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दें।

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