चंडीगढ़: कैथल, हरियाणा के एक किसान के बेटे युवराज की अमेरिका जाने के सपने ने जान ले ली। 18 साल का युवराज "डंकी रूट" से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मानव तस्करों के चंगुल में फंसकर उसकी मौत हो गई। परिवार को शुक्रवार को इस दुखद घटना का पता चला। शनिवार को परिवार ने आरोप लगाया कि ग्वाटेमाला में मानव तस्करों ने युवराज को बंधक बनाया था और वहीं उसकी जान चली गई।
युवराज का परिवार बताता है कि वह पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के लिए निकला था। कुछ महीने तक सब ठीक रहा, लेकिन फिर अचानक उसका संपर्क टूट गया। कुछ समय बाद परिवार को एक वीडियो मिला जिसमें युवराज और पंजाब के एक युवक को ग्वाटेमाला में बंधक बनाया गया था। इसके बाद तस्करों ने परिवार से फिरौती मांगनी शुरू कर दी।
युवराज के मामा गुरपेज सिंह ने बताया कि ट्रैवल एजेंटों ने उन्हें सुरक्षित रास्ते से अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था। परिवार ने कथित ट्रैवल एजेंटों को करीब 40 से 50 लाख रुपये दिए थे। लेकिन न तो युवराज अमेरिका पहुंचा और न ही कोई खबर मिली। गुरपेज ने आगे बताया कि कुछ दिन पहले मानव तस्करों ने फिर परिवार से संपर्क किया। उन्होंने युवराज और पंजाब के युवक की फोटो भेजी और दावा किया कि दोनों अब जिंदा नहीं हैं। मानव तस्करों ने सबूत भेजने के लिए परिवार से तीन लाख रुपये मांगे। पैसे भेजने के बाद, तस्करों ने युवराज का डेथ सर्टिफिकेट और तस्वीरें भेजीं। परिवार ने इस मामले की शिकायत पुलिस में भी की थी, जिसके बाद दो स्थानीय एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। युवराज के पिता एक छोटे किसान हैं।
यह घटना हरियाणा और पंजाब से हर साल सैकड़ों युवकों द्वारा अमेरिका जाने के लिए अपनाए जाने वाले "डंकी रूट" के खतरनाक और गैरकानूनी रास्ते की सच्चाई को उजागर करती है। इस रास्ते पर चलने वाले कई लोग या तो पकड़े जाते हैं या फिर अपनी जान गंवा बैठते हैं। पुलिस भी लोगों से ऐसे गलत रास्तों से विदेश न जाने की अपील करती है।
"डंकी रूट" एक ऐसा गैरकानूनी और खतरनाक तरीका है जिससे लोग बिना वीज़ा के दूसरे देशों में घुसने की कोशिश करते हैं। इसमें अक्सर दलालों और तस्करों का सहारा लिया जाता है। ये तस्कर लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं और उन्हें खतरनाक रास्तों से ले जाते हैं। इस सफर में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि गिरफ्तारी, मारपीट, लूटपाट और यहां तक कि मौत भी।
युवराज के मामले में, परिवार ने ट्रैवल एजेंटों पर भरोसा किया था, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था। इसके लिए परिवार ने अपनी जमा-पूंजी करीब 40 से 50 लाख रुपये खर्च कर दिए। लेकिन एजेंटों ने उन्हें धोखा दिया और युवराज मानव तस्करों के जाल में फंस गया।
जब युवराज से संपर्क टूट गया, तो परिवार की चिंता बढ़ गई। फिर जब उन्हें वीडियो मिला जिसमें युवराज को बंधक बनाया गया था, तो वे सदमे में आ गए। तस्करों ने फिरौती की मांग शुरू कर दी, जिससे परिवार पर और भी दबाव आ गया।
आखिरकार, तस्करों ने युवराज की मौत की खबर दी और सबूत के तौर पर डेथ सर्टिफिकेट और तस्वीरें भेजीं। यह परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सदमा था। इस घटना ने "डंकी रूट" की भयावहता को फिर से सामने ला दिया है। पुलिस ने इस मामले में दो स्थानीय एजेंटों को गिरफ्तार किया है, लेकिन असली तस्कर अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो विदेश जाने के लिए ऐसे गैरकानूनी और खतरनाक रास्तों का सहारा लेने की सोचते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे गलत रास्तों से विदेश जाने की कोशिश न करें। विदेश जाने के लिए हमेशा कानूनी और सुरक्षित तरीकों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे गैरकानूनी रास्तों पर चलने से न केवल जान का खतरा होता है, बल्कि यह कानून का उल्लंघन भी है।
युवराज का परिवार बताता है कि वह पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के लिए निकला था। कुछ महीने तक सब ठीक रहा, लेकिन फिर अचानक उसका संपर्क टूट गया। कुछ समय बाद परिवार को एक वीडियो मिला जिसमें युवराज और पंजाब के एक युवक को ग्वाटेमाला में बंधक बनाया गया था। इसके बाद तस्करों ने परिवार से फिरौती मांगनी शुरू कर दी।
युवराज के मामा गुरपेज सिंह ने बताया कि ट्रैवल एजेंटों ने उन्हें सुरक्षित रास्ते से अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था। परिवार ने कथित ट्रैवल एजेंटों को करीब 40 से 50 लाख रुपये दिए थे। लेकिन न तो युवराज अमेरिका पहुंचा और न ही कोई खबर मिली। गुरपेज ने आगे बताया कि कुछ दिन पहले मानव तस्करों ने फिर परिवार से संपर्क किया। उन्होंने युवराज और पंजाब के युवक की फोटो भेजी और दावा किया कि दोनों अब जिंदा नहीं हैं। मानव तस्करों ने सबूत भेजने के लिए परिवार से तीन लाख रुपये मांगे। पैसे भेजने के बाद, तस्करों ने युवराज का डेथ सर्टिफिकेट और तस्वीरें भेजीं। परिवार ने इस मामले की शिकायत पुलिस में भी की थी, जिसके बाद दो स्थानीय एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। युवराज के पिता एक छोटे किसान हैं।
यह घटना हरियाणा और पंजाब से हर साल सैकड़ों युवकों द्वारा अमेरिका जाने के लिए अपनाए जाने वाले "डंकी रूट" के खतरनाक और गैरकानूनी रास्ते की सच्चाई को उजागर करती है। इस रास्ते पर चलने वाले कई लोग या तो पकड़े जाते हैं या फिर अपनी जान गंवा बैठते हैं। पुलिस भी लोगों से ऐसे गलत रास्तों से विदेश न जाने की अपील करती है।
"डंकी रूट" एक ऐसा गैरकानूनी और खतरनाक तरीका है जिससे लोग बिना वीज़ा के दूसरे देशों में घुसने की कोशिश करते हैं। इसमें अक्सर दलालों और तस्करों का सहारा लिया जाता है। ये तस्कर लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं और उन्हें खतरनाक रास्तों से ले जाते हैं। इस सफर में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि गिरफ्तारी, मारपीट, लूटपाट और यहां तक कि मौत भी।
युवराज के मामले में, परिवार ने ट्रैवल एजेंटों पर भरोसा किया था, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था। इसके लिए परिवार ने अपनी जमा-पूंजी करीब 40 से 50 लाख रुपये खर्च कर दिए। लेकिन एजेंटों ने उन्हें धोखा दिया और युवराज मानव तस्करों के जाल में फंस गया।
जब युवराज से संपर्क टूट गया, तो परिवार की चिंता बढ़ गई। फिर जब उन्हें वीडियो मिला जिसमें युवराज को बंधक बनाया गया था, तो वे सदमे में आ गए। तस्करों ने फिरौती की मांग शुरू कर दी, जिससे परिवार पर और भी दबाव आ गया।
आखिरकार, तस्करों ने युवराज की मौत की खबर दी और सबूत के तौर पर डेथ सर्टिफिकेट और तस्वीरें भेजीं। यह परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सदमा था। इस घटना ने "डंकी रूट" की भयावहता को फिर से सामने ला दिया है। पुलिस ने इस मामले में दो स्थानीय एजेंटों को गिरफ्तार किया है, लेकिन असली तस्कर अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो विदेश जाने के लिए ऐसे गैरकानूनी और खतरनाक रास्तों का सहारा लेने की सोचते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे गलत रास्तों से विदेश जाने की कोशिश न करें। विदेश जाने के लिए हमेशा कानूनी और सुरक्षित तरीकों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे गैरकानूनी रास्तों पर चलने से न केवल जान का खतरा होता है, बल्कि यह कानून का उल्लंघन भी है।
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