मुंबई:  मुंबई महावितरण ने 'बिलो पावर्टी लाइन' (बीपीएल) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को 25 साल तक मुफ्त बिजली प्रदान करने की योजना बनाई है। यह योजना स्वयंपूर्ण महाराष्ट्र आवासीय रूफटॉप (स्मार्ट) योजना' के तहत लागू की जाएगी। इस योजना से घरों पर एक किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा। महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्रा ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सब्सिडी के कारण, इस योजना के लाभार्थी उपभोक्ताओं को बहुत कम हिस्सा देना होगा।   
   
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू होगी योजना
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्मार्ट योजना शुरू की है। 1.54 लाख बीपीएल और 3.45 लाख आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों सहित पाँच लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं, जो प्रति माह 100 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं, को मुफ्त बिजली प्रदान करने और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय उत्पन्न करने के लिए 655 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू की जाएगी। हाल ही में हुई राज्य स्तरीय बैठक में इस योजना के कार्यान्वयन के संबंध में निर्देश दिए गए थे।
   
केंद्र के साथ राज्य सरकार भी देगी सब्सिडी
केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना' शुरू की है। इसमें उपभोक्ताओं को एक किलोवाट की छत पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने पर केंद्र सरकार की ओर से 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। स्मार्ट योजना में, इस सब्सिडी के अलावा, राज्य सरकार भी 17,500 रुपये की सब्सिडी देगी, जिससे बिजली उपभोक्ता बहुत कम राशि देकर इसे लगवा सकते हैं।
   
प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली पैदा
एक किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना से प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। इसलिए, 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता अपनी ज़रूरतें स्वयं पूरी कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली महावितरण को बेच सकते हैं।
  
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू होगी योजना
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्मार्ट योजना शुरू की है। 1.54 लाख बीपीएल और 3.45 लाख आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों सहित पाँच लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं, जो प्रति माह 100 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं, को मुफ्त बिजली प्रदान करने और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय उत्पन्न करने के लिए 655 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू की जाएगी। हाल ही में हुई राज्य स्तरीय बैठक में इस योजना के कार्यान्वयन के संबंध में निर्देश दिए गए थे।
केंद्र के साथ राज्य सरकार भी देगी सब्सिडी
केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना' शुरू की है। इसमें उपभोक्ताओं को एक किलोवाट की छत पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने पर केंद्र सरकार की ओर से 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। स्मार्ट योजना में, इस सब्सिडी के अलावा, राज्य सरकार भी 17,500 रुपये की सब्सिडी देगी, जिससे बिजली उपभोक्ता बहुत कम राशि देकर इसे लगवा सकते हैं।
प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली पैदा
एक किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना से प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। इसलिए, 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता अपनी ज़रूरतें स्वयं पूरी कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली महावितरण को बेच सकते हैं।
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