नई दिल्ली: आपको पता ही होगा कि अमेरिका के लक-दक शहर न्यूयार्क सिटी (New York City) के नए मेयर भारतवंशी जोहरान ममदानी (Zohran Mamdani) चुने गए हैं। उन्होंने शहर में बढ़ते किराये पर अंकुश लगाने (Freeze) की बात कही है। उनके इस यान पर रियल एस्टेट के बड़े निवेशक बैरी स्टर्नलिच (Barry Sternlicht) ने चिंता जताई है। वे स्टारवुड कैपिटल ग्रुप (Starwood Capital Group) के चेयरमैन और सीईओ हैं। उन्होंने कहा है कि अगर नए मेयर की योजना के तहत किराया बढ़ने पर रोक लगा दी गई, तो न्यूयॉर्क सिटी का हाल भारत के शहर मुंबई (Mumbai) जैसा हो सकता है। ममदानी का कहना है कि जब किरायेदार की आमदनी में इजाफा नहीं हो रहा है तो फिर किराया क्यों बढ़ना।
इसका असर दूसरा होगास्टर्नलिच, जिनके पास न्यूयॉर्क सिटी में कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी है, का मानना है कि अगर किराएदारों को पता चला कि उनके पड़ोसी किराया नहीं दे रहे हैं, तो वे भी किराया देना बंद कर देंगे। इससे बड़े पैमाने पर लोग किराया नहीं देंगे और शहर की अर्थव्यवस्था खराब हो जाएगी। उन्होंने सीएनबीसी प्रॉपर्टी प्ले को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "न्यूयॉर्क सिटी में 100 मिलियन डॉलर से ऊपर के हर प्रोजेक्ट में यूनियन को शामिल करना पड़ता है, और यह बहुत महंगा होता है। इससे मकान बहुत महंगे हो जाते हैं। दूसरे डेवलपर्स ने भी यूनियनों के साथ समझौते करने की कोशिश की है, लेकिन न्यूयॉर्क सिटी में उन्हीं का राज चलता है। यही एक मुख्य कारण है कि ब्लू स्टेट्स (ज्यादातर डेमोक्रेटिक पार्टी शासित राज्य) इतने महंगे हैं और वहां मकानों की सप्लाई बढ़ाना इतना मुश्किल है।"
वामपंथी अजीब बातें करते हैं
स्टर्नलिच ने आगे कहा, "और फिर ये वामपंथी बहुत अजीब बातें कहते हैं कि किराएदारों को किराया देने की ज़रूरत नहीं है। अगर वे किराया नहीं देते हैं, तो भी आप उन्हें मकान से बाहर नहीं निकाल सकते। जब पड़ोसी को पता चलता है कि उसका पड़ोसी किराया नहीं दे रहा है, तो वह भी नहीं देता, और फिर अगला भी नहीं देता। और फिर आप असल में न्यूयॉर्क सिटी को मुंबई में बदल देंगे।" स्टर्नलिच ने यह भी बताया कि उनकी न्यूयॉर्क की टीम भी शहर छोड़ने के बारे में सोच रही है।
करना यह होगा
उन्होंने कहा, "असल मुद्दे वे नहीं हैं जिन पर मेयर ध्यान दे रहे हैं। हमें मकानों की संख्या बढ़ानी होगी। यह आसानी से नहीं होगा, है ना? अगर वे चाहते हैं कि हम यूनियनों के साथ काम करें, तो सरकार से भारी सब्सिडी की ज़रूरत होगी। यूनियनों को अपने काम के कानूनों और वेतन आदि के मामले में और अधिक लचीला होना होगा, वरना आर्थिक रूप से काम करना संभव नहीं है।"
बहुत बुरा दौर देखेगा न्यूयॉर्क
स्टर्नलिच को विश्वास है कि न्यूयॉर्क सिटी बचेगा, लेकिन यह बेहतर होने से पहले बहुत बुरा दौर देखेगा। उन्होंने कहा, "लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बस हमें यह सोचना है कि दूसरों की मदद कैसे करें ताकि वे भी अच्छा करें और अमेरिकी सपने में विश्वास रखें। शायद एक शहर के नेता के लिए यह कहना बेहतर संदेश है, बजाय इसके कि हम सिर्फ उन लोगों पर टैक्स लगाएं जो सफल हुए हैं, उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर करें, और फिर शहर को चलाने के लिए वाशिंगटन से भीख मांगने पर निर्भर रहें।"
इसका असर दूसरा होगास्टर्नलिच, जिनके पास न्यूयॉर्क सिटी में कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी है, का मानना है कि अगर किराएदारों को पता चला कि उनके पड़ोसी किराया नहीं दे रहे हैं, तो वे भी किराया देना बंद कर देंगे। इससे बड़े पैमाने पर लोग किराया नहीं देंगे और शहर की अर्थव्यवस्था खराब हो जाएगी। उन्होंने सीएनबीसी प्रॉपर्टी प्ले को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "न्यूयॉर्क सिटी में 100 मिलियन डॉलर से ऊपर के हर प्रोजेक्ट में यूनियन को शामिल करना पड़ता है, और यह बहुत महंगा होता है। इससे मकान बहुत महंगे हो जाते हैं। दूसरे डेवलपर्स ने भी यूनियनों के साथ समझौते करने की कोशिश की है, लेकिन न्यूयॉर्क सिटी में उन्हीं का राज चलता है। यही एक मुख्य कारण है कि ब्लू स्टेट्स (ज्यादातर डेमोक्रेटिक पार्टी शासित राज्य) इतने महंगे हैं और वहां मकानों की सप्लाई बढ़ाना इतना मुश्किल है।"
वामपंथी अजीब बातें करते हैं
स्टर्नलिच ने आगे कहा, "और फिर ये वामपंथी बहुत अजीब बातें कहते हैं कि किराएदारों को किराया देने की ज़रूरत नहीं है। अगर वे किराया नहीं देते हैं, तो भी आप उन्हें मकान से बाहर नहीं निकाल सकते। जब पड़ोसी को पता चलता है कि उसका पड़ोसी किराया नहीं दे रहा है, तो वह भी नहीं देता, और फिर अगला भी नहीं देता। और फिर आप असल में न्यूयॉर्क सिटी को मुंबई में बदल देंगे।" स्टर्नलिच ने यह भी बताया कि उनकी न्यूयॉर्क की टीम भी शहर छोड़ने के बारे में सोच रही है।
करना यह होगा
उन्होंने कहा, "असल मुद्दे वे नहीं हैं जिन पर मेयर ध्यान दे रहे हैं। हमें मकानों की संख्या बढ़ानी होगी। यह आसानी से नहीं होगा, है ना? अगर वे चाहते हैं कि हम यूनियनों के साथ काम करें, तो सरकार से भारी सब्सिडी की ज़रूरत होगी। यूनियनों को अपने काम के कानूनों और वेतन आदि के मामले में और अधिक लचीला होना होगा, वरना आर्थिक रूप से काम करना संभव नहीं है।"
बहुत बुरा दौर देखेगा न्यूयॉर्क
स्टर्नलिच को विश्वास है कि न्यूयॉर्क सिटी बचेगा, लेकिन यह बेहतर होने से पहले बहुत बुरा दौर देखेगा। उन्होंने कहा, "लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बस हमें यह सोचना है कि दूसरों की मदद कैसे करें ताकि वे भी अच्छा करें और अमेरिकी सपने में विश्वास रखें। शायद एक शहर के नेता के लिए यह कहना बेहतर संदेश है, बजाय इसके कि हम सिर्फ उन लोगों पर टैक्स लगाएं जो सफल हुए हैं, उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर करें, और फिर शहर को चलाने के लिए वाशिंगटन से भीख मांगने पर निर्भर रहें।"
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