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Success Story: दादी बनीं बिजनेस टाइकून...1 लाख के एडवांस ने बदल दिया रास्ता, अब 1 करोड़ का टर्नओवर, क्या है कारोबार?

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नई दिल्‍ली: चेन्‍नई की गिरिजा वी 74 साल की हैं। उन्‍हें प्यार से लोग 'गिरिजा पाटी' कहते हैं। 'पाटी' तमिल भाषा में दादी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। 2019 में 1 लाख रुपये के अग्रिम के साथ एक शादी के ऑर्डर ने गिरिजा के जीवन में बड़ा मोड़ ला दिया। एक बार का यह ऑर्डर अब चेन्नई में गिरिजा पाटीज होम फूड्स के रूप में विकसित हो गया है। यह वेंचर अपनी पारंपरिक मिठाइयों और स्नैक्स जैसे मुरुकु, मिक्सचर, पोडी (मसाला पाउडर) और अचार के लिए जाना जाता है। इसका टर्नओवर 1 करोड़ रुपये है। गिरिजा पाटी ने परिवार के समर्थन से घर की रसोई से अपना व्यवसाय शुरू किया। महामारी के दौरान उन्होंने अपने व्यवसाय को ऑनलाइन किया और तेजी से बढ़ाया। ऑर्डर बढ़ने पर उन्होंने उत्पादों को तैयार करने, पैक करने और बेचने के लिए पास में 1,000 वर्ग फीट की जगह किराए पर ली। गिरिजा पाटी ने 20 महिलाओं को रोजगार दिया है। आइए, यहां गिरिजा पाटी की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
शुरू में नहीं आता था खाना बनाना image

चेन्‍नई की रहने वाली गिरिजा पाटी ने दिखाया है कि कुछ करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। उन्‍होंने अपनी पाक कला के जुनून को सफल व्यवसाय में बदल दिया है। साल 2019 में गिरिजा वी ने गिरिजा पाटीज होम फूड्स नाम का वेंचर शुरू किया। मई 2021 में यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई। चेन्नई के पड़ोस विल्लिवक्कम में 30 सदस्यों के संयुक्त परिवार में पली-बढ़ीं गिरिजा पाटी घर के मामलों को संभालने में कुशल थीं। हालांकि, उन्होंने कभी सीधे तौर पर खाना पकाने का प्रभार नहीं संभाला था। उनकी मां और चाची रोजाना भारी मात्रा में खाना बनाती थीं। छह बच्चों में सबसे बड़ी होने के नाते गिरिजा की जिम्मेदारी अपने भाई-बहनों और चचेरे भाई-बहनों की देखभाल करना था। जब 18 साल की उम्र में उनकी शादी हुई तो उन्‍हें कोई खाना बनाना नहीं आता था। उन्‍हें केवल अपने मायके में रसोई में एक सहायक माना जाता था। वह सब्जियां काटने और उन्‍हें धोने में हाथ बंटाती थीं।


ऐसे बदला सबकुछ image

गिरिजा की सास ने एक बार उनसे अप्पलम (कुछ-कुछ पापड़ जैसा) तलने के लिए कहा। वह इन्‍हें तल तो नहीं पाईं, लेकिन अपने हाथों पर गर्म तेल जरूर गिरा लिया। यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्‍होंने खाना पकाने के सभी पहलुओं को सीखने का दृढ़ संकल्प लिया। अपनी मां और सास से उन्होंने हर एक चीज सीखना शुरू किया। वह उनकी बताई व‍िधियों के साथ प्रयोग भी करने लगीं। यह उनके शौक में बदल गया। इस शौक को बिजनेस में बदलने का मौका तब मिला जब उन्‍हें एक शादी में 1 लाख का एडवांस ऑर्डर मिला। इसने उनके मनोबल को बढ़ा दिया। अब अलग-अलग खाद्य पदार्थों को बनाने और बेचने के अलावा गिरिजा पाटी अपने ब्लॉग पर निर्देशों के साथ बहुत सारी रेसिपी, इंस्टाग्राम पर वीडियो और यूट्यूब पर शॉर्ट्स भी पोस्ट करती हैं। वह शादी और समारोहों के लिए कस्टम-मेड ऑर्डर भी लेती हैं।


दूसरी मह‍िलाओं का भी बनीं सहारा image

गिरिजा पाटी के बिजनेस की मौजूदगी ऑनलाइन भी है। उनके पास पूरे साल लगभग 40-50 उत्पाद होते हैं। साथ ही विभिन्न त्योहारों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए आइटम भी होते हैं। उनके उत्पादों की कीमत उचित होती है। उनके कुछ आइटम्‍स में मिलागई करी (इमली हरी मिर्च का अचार), स्पाइसी थट्टई, बटर मालड्डू, क्लासिक मिक्सचर, बादुशा (स्वादिष्ट मिठाई), गार्लिक करुवाइपिल्लई पोडी (लहसुन, करी पत्ते और इमली के साथ अनूठा चावल मिश्रण), मंगाई थोक्कू (मसालेदार-खट्टा अचार) और इडली मिलागई पोडी (काले तिल से बना) शामिल हैं। इस व्यवसाय को शुरू करने का फैसला उन्‍होंने इसलिए किया क्योंकि उन्‍हें विश्वास था कि वह अचार, पोडी, मिठाई और करम की ऊंची मांग को देखने के बाद सफल हो जाएंगी। इसके अलावा उन्‍हें यह एहसास भी था कि वह कम भाग्यशाली महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के अपने सपने को पूरा कर सकती हैं। इन महिलाओं के पास काम करने की प्रतिभा और उत्साह तो होता है, लेकिन अवसरों की कमी होती है।


देशभर में जाते हैं प्रोडक्‍ट image

गिरिजा पाटी ने ऐसी महिलाओं को रोजगार प्रदान किया, जिनके पतियों ने महामारी के दौरान अपनी नौकरी खो दी थी। उन्होंने 20 ऐसी महिलाओं को काम दिया, जिनकी उम्र 30 से 60 के बीच है। गिरिजा पाटी के उत्पादों ने पूरे भारत में लोकप्रियता हासिल की है। उनके प्रोडक्‍ट कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मेघालय तक देश के सभी हिस्सों में जाते हैं। 74 साल की गिरिजा आज लाखों लोगों की प्रेरणा हैं। उन्‍होंने साबित किया है क‍ि कुछ करने के लिए उम्र कोई सीमा नहीं है। अगर आप में जज्‍बा है तो कभी भी कुछ भी किया जा सकता है।

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