शुरू में नहीं आता था खाना बनाना
चेन्नई की रहने वाली गिरिजा पाटी ने दिखाया है कि कुछ करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। उन्होंने अपनी पाक कला के जुनून को सफल व्यवसाय में बदल दिया है। साल 2019 में गिरिजा वी ने गिरिजा पाटीज होम फूड्स नाम का वेंचर शुरू किया। मई 2021 में यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई। चेन्नई के पड़ोस विल्लिवक्कम में 30 सदस्यों के संयुक्त परिवार में पली-बढ़ीं गिरिजा पाटी घर के मामलों को संभालने में कुशल थीं। हालांकि, उन्होंने कभी सीधे तौर पर खाना पकाने का प्रभार नहीं संभाला था। उनकी मां और चाची रोजाना भारी मात्रा में खाना बनाती थीं। छह बच्चों में सबसे बड़ी होने के नाते गिरिजा की जिम्मेदारी अपने भाई-बहनों और चचेरे भाई-बहनों की देखभाल करना था। जब 18 साल की उम्र में उनकी शादी हुई तो उन्हें कोई खाना बनाना नहीं आता था। उन्हें केवल अपने मायके में रसोई में एक सहायक माना जाता था। वह सब्जियां काटने और उन्हें धोने में हाथ बंटाती थीं।
ऐसे बदला सबकुछ
गिरिजा की सास ने एक बार उनसे अप्पलम (कुछ-कुछ पापड़ जैसा) तलने के लिए कहा। वह इन्हें तल तो नहीं पाईं, लेकिन अपने हाथों पर गर्म तेल जरूर गिरा लिया। यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने खाना पकाने के सभी पहलुओं को सीखने का दृढ़ संकल्प लिया। अपनी मां और सास से उन्होंने हर एक चीज सीखना शुरू किया। वह उनकी बताई विधियों के साथ प्रयोग भी करने लगीं। यह उनके शौक में बदल गया। इस शौक को बिजनेस में बदलने का मौका तब मिला जब उन्हें एक शादी में 1 लाख का एडवांस ऑर्डर मिला। इसने उनके मनोबल को बढ़ा दिया। अब अलग-अलग खाद्य पदार्थों को बनाने और बेचने के अलावा गिरिजा पाटी अपने ब्लॉग पर निर्देशों के साथ बहुत सारी रेसिपी, इंस्टाग्राम पर वीडियो और यूट्यूब पर शॉर्ट्स भी पोस्ट करती हैं। वह शादी और समारोहों के लिए कस्टम-मेड ऑर्डर भी लेती हैं।
दूसरी महिलाओं का भी बनीं सहारा

गिरिजा पाटी के बिजनेस की मौजूदगी ऑनलाइन भी है। उनके पास पूरे साल लगभग 40-50 उत्पाद होते हैं। साथ ही विभिन्न त्योहारों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए आइटम भी होते हैं। उनके उत्पादों की कीमत उचित होती है। उनके कुछ आइटम्स में मिलागई करी (इमली हरी मिर्च का अचार), स्पाइसी थट्टई, बटर मालड्डू, क्लासिक मिक्सचर, बादुशा (स्वादिष्ट मिठाई), गार्लिक करुवाइपिल्लई पोडी (लहसुन, करी पत्ते और इमली के साथ अनूठा चावल मिश्रण), मंगाई थोक्कू (मसालेदार-खट्टा अचार) और इडली मिलागई पोडी (काले तिल से बना) शामिल हैं। इस व्यवसाय को शुरू करने का फैसला उन्होंने इसलिए किया क्योंकि उन्हें विश्वास था कि वह अचार, पोडी, मिठाई और करम की ऊंची मांग को देखने के बाद सफल हो जाएंगी। इसके अलावा उन्हें यह एहसास भी था कि वह कम भाग्यशाली महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के अपने सपने को पूरा कर सकती हैं। इन महिलाओं के पास काम करने की प्रतिभा और उत्साह तो होता है, लेकिन अवसरों की कमी होती है।
देशभर में जाते हैं प्रोडक्ट
गिरिजा पाटी ने ऐसी महिलाओं को रोजगार प्रदान किया, जिनके पतियों ने महामारी के दौरान अपनी नौकरी खो दी थी। उन्होंने 20 ऐसी महिलाओं को काम दिया, जिनकी उम्र 30 से 60 के बीच है। गिरिजा पाटी के उत्पादों ने पूरे भारत में लोकप्रियता हासिल की है। उनके प्रोडक्ट कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मेघालय तक देश के सभी हिस्सों में जाते हैं। 74 साल की गिरिजा आज लाखों लोगों की प्रेरणा हैं। उन्होंने साबित किया है कि कुछ करने के लिए उम्र कोई सीमा नहीं है। अगर आप में जज्बा है तो कभी भी कुछ भी किया जा सकता है।
You may also like
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ की सख्त कार्रवाई
Canada PR: एक-दो नहीं, 25 तरह की जॉब्स करने वालों को PR दे रहा कनाडा, अप्लाई करने से पहले जान लें शर्तें
Aaj Ka Panchang (आज का पंचांग), 4 June 2025: आज ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
राजस्थान से दिल्ली जाने यात्रीगण कृपया ध्यान दें, समर वेकेशन से पहले डबल डेकर सहित ये ट्रेनें रद्द
आईपीएल 2025 की विनर्स लिस्ट देखिए, किसे मिले कितने पैसे, पर्पल कैप से ऑरेंज कैप तक की प्राइज मनी