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छोटे बच्चे को लेकर ज्यादा सपोर्टिव हो जाते हैं
इंस्टाग्राम पर जारी वीडियो में सर्टिफाइड पेरेंटिंग कोच रेनू गिरधर बताती हैं कि जब परिवार में दो बच्चे होते हैं, तो दोनों में से जो छोटा बच्चा होता है उसको लेकर थाेडा सपोर्टिव हो जाते हैं। क्योंकि हमें ऐसा लगता है कि बडा बच्चा जो है वो समझदार है, तो वो समझ सकता है।
सोचते हैं बड़े बच्चा समझदार है
कोच आगे बताती हैं कि माता-पिता को लगता है कि छोटे बच्चे में अभी इतनी समझ नहीं है और इसलिए वह कुछ बातें नहीं समझ सकता। इसी वजह से बड़े बच्चे में छोटे भाई-बहन से चिढ़ पैदा होने लगती है। वह उन पर गुस्सा करता है या कभी-कभी हाथ उठाने तक लग जाता है।
बड़े बच्चे का ब्रेन नहीं है मैच्योर

रेनू माता-पिता को समझाते हुए कहती हैं कि यह कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा बच्चा भले ही बड़ा है, लेकिन वह अभी भी बच्चा ही है। इसलिए उसका दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता कि वह चीजें समझ सके कि उसे अपने छोटे भाई-बहन के साथ कैसे व्यवहार करना है।
यहां देखिए पूरा वीडियो
बड़े बच्चों को भी सपोर्ट करें
एक्सपर्ट अंत में कहती हैं कि इसीलिए बड़े बच्चों को भी सपोर्ट करना बेहद जरूरी है। जब हम बैलेंस बनाकर दोनों बच्चों को सपोर्ट करते हैं, तो इससे दोनों में झगडा और मनमुटाव नहीं होता है। इसी वजह से जरूरी है कि छोटे के साथ-साथ बडे बच्चे को भी सुने और समझें।
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