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बिहार के वैसे विधानसभा सीटों की कहानी जहां जीत हार का अंतर रहा कम! जानिए राजनीतिक पार्टियों की सियासी चालबाजी

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पटना: तो जहां सांस पर सांस चढ़ी रही और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में अंतिम क्षण तक जीत हार का गणित बिगड़ते बनते रहा। ऐसी हालात वाली वे सीटें जहां अंततः बहुत कम मतों से किसी के हाथ जीत तो किसी के हाथ हार लगी। आज उन सीटों पर वर्ष 2025 इन सीटों पर दलों ने कई जगह पैंतरे बदले तो कई जगह पहलवान भी बदले। कुछ सीटों पर तो पुराने उम्मीदवारों के बीच ही जंग को हरी झंडी दे दी गई। डालते हैं एक नजर ऐसे विधानसभा सीटों पर जहां बहुत ही कम मतों से जीत हार हुए वहां 2025 के चुनाव का क्या रंग है? ये पहले चरण के होने वाले विधानसभा चुनाव के क्षेत्र है, जहां हार जीत काफी कम मतों से हुई।


बरबीघा विधानसभा

बरबीघा विधानसभा 2020 के चुनावी जंग में मिली हार के कारण वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने प्रत्याशियों को बदल डाले। वर्ष 2020 में जदयू के सुदर्शन को 39878 मत मिले थे और कांग्रेस के गजानन शाही को 39765 मत मिले। सुदर्शन ने मात्र 113 मतों से जीत दर्ज की थी। 2025 के चुनाव में दोनों ही दलों ने उम्मीदवार बने डाले। जदयू के रणनीतिकारों ने पुष्पंजय पर भरोसा किया तो कांग्रेस ने त्रिशूलधारी सिंह को चुनावी जंग ने उतारा है।


कुढ़नी विधानसभा
कम मतों से हार जीत वाले विधानसभा में कुढ़नी भी शामिल है। वर्ष 2020 के विधानसभा के चुनाव में राजद के अनिल सहनी ने बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता को चुनावी जंग में हरा डाला था। वर्ष 2025 के चुनावी जंग में महागठबंधन ने राजद के बदले इस बार यह जिम्मेवारी कांग्रेस के बबलू कुशवाहा को सौंपी है जबकि बीजेपी ने अपने पुराने पहलवान केदार प्रसाद गुप्ता को चुनावी जंग में उतारा है।


बछवाड़ा विधानसभा
बछवाड़ा विधानसभा से वर्ष 2020 में बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने सीपीई के अवधेश राय को 484 मतों से हराया था। बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र मेहता को 54738 मत मिले थे। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में तो बीजेपी ने सुरेन्द्र मेहता को ही उम्मीदवार बनाया लेकिन महागठबंधन ने कांग्रेस के शिव प्रसाद दस को उतारा है। भोरे विधानसभा भी उन सीटों में शामिल है जहां माले के जितेंद्र पासवान मूत्र 462 मत से हारे थे। उन्हें जदयू के सुनील कुमार ने हराया था। वर्ष 2025 के विधानसभा में जदयू ने तो उम्मीदवार नहीं बदले पर महागठबंधन ने माले से धनंजय को चुनावी जंग में उतारा है


मटिहानी विधानसभा
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के राम कुमार सिंह ने बोगो सिंह को मात्र 484 मतों से हराया। राम कुमार सिंह को 54738 मत मिले जबकि बोगो सिंह को 54204 मत मिले। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों लोगों ने पार्टियां बदल कर एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। राम कुमार सिंह जदयू में चली गई और जेडीयू के बीवी सिंह राजद के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं।


हिलसा विधानसभा
हिलसा विधानसभा से भी राजद के शक्ति सिंह मात्र 12 वोट से कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया से चुनाव हार गए। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में दलों ने अपने पुराने पहलवानों पर भरोसा किया है। एक बार फिर हिलसा की जंग में राजद के शक्ति सिंह और जदयू के कृष्ण मुरारी शरण को वर्ष 2025 के चुनावी जंग में उतारा है। अब देखना है कि जीत के बड़े अंतर के साथ कौन जीत हासिल करता है।
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