नई दिल्ली: भारत में सिंगल माल्ट व्हिस्की का क्रेज बढ़ रहा है। अब ज्यादा भारतीय लोग देसी सिंगल माल्ट व्हिस्की पीना पसंद कर रहे हैं। इसकी वजह से लोकल ब्रांड्स की बिक्री बढ़ रही है। अब ये ब्रांड्स स्कॉच व्हिस्की को भी पीछे छोड़ रहे हैं। साल 2024 में पहली बार ऐसा हुआ कि भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री, स्कॉच से ज्यादा हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लोगों को भारतीय व्हिस्की ज्यादा पसंद आ रही है, और स्कॉच की बिक्री कम हो रही है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार अल्कोहल मार्केट पर रिसर्च करने वाली कंपनी IWSR के मुताबिक साल 2023 में भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री 75% से ज्यादा बढ़ी थी। इसके बाद ये स्कॉच व्हिस्की की बिक्री से सिर्फ 9000 नौ-लीटर केस पीछे रह गई थी।
कितनी बढ़ गई सिंगल माल्ट की बिक्री?आईडब्ल्यूएसआर ने आगे कहा कि साल 2024 में भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री 25% से ज्यादा बढ़ गई। इस वजह से ये स्कॉच व्हिस्की से काफी आगे निकल गई। आईडब्ल्यूएसआर ने ये नहीं बताया कि किस भारतीय या स्कॉटिश सिंगल माल्ट की बिक्री सबसे ज्यादा हुई।
साल 2024 में सिंगल माल्ट स्कॉच की बिक्री गिर गई। ये गिरावट 2020 में कोरोना महामारी के दौरान हुई गिरावट से भी ज्यादा थी। ऐसा लगता है कि अब कई लोगों का ध्यान स्कॉच से हटकर भारतीय सिंगल माल्ट पर चला गया है।
क्या है सिंगल माल्ट?सिंगल माल्ट का मतलब है एक ही डिस्टिलरी में बनी व्हिस्की। इसे इसके खास स्वाद के लिए जाना जाता है। ये व्हिस्की के अलग-अलग ब्रांड्स को मिलाकर नहीं बनाई जाती। अमृत और पॉल जॉन, भारत के पहले सिंगल माल्ट ब्रांड थे। इन्हें 2000 के दशक में लॉन्च किया गया था। पिछले तीन सालों में कई नए सिंगल माल्ट बनाने वाली कंपनियां सामने आई हैं। इनमें पिकैडली एग्रो (जिसने Indri और Kamet लॉन्च किया) और रेडिको खेतान (जिसने Rampur सिंगल माल्ट लॉन्च किया) शामिल हैं।
क्या पसंद आ रही भारतीय व्हिस्की?अमृत डिस्टिलरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर रक्षित जगदाले ने कहा, 'लोग अब भारतीय सिंगल माल्ट को भी खरीदते हैं। वे इसे दूसरी विदेशी व्हिस्की के साथ रखते हैं। क्योंकि इसकी क्वालिटी, पैकेजिंग और कीमत, इम्पोर्टेड व्हिस्की से बेहतर है। ऐसा ही कुछ साल पहले जापानी माल्ट के साथ हुआ था। भारतीय माल्ट को राष्ट्रवाद का भी फायदा मिल रहा है। अब लोगों को लगता है कि भारतीय सिंगल माल्ट, स्कॉच से बेहतर है।'
दुकानों से हुई बिक्रीमार्केट में कई नए भारतीय सिंगल माल्ट ब्रांड्स आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी जो बिक्री दिख रही है, वो दुकानों को हुई बिक्री है। अभी ये देखना बाकी है कि लोग इसे कितना पसंद करते हैं। इन ब्रांड्स की वजह से अब दुकानों में ज्यादा विकल्प मौजूद हैं। साथ ही, इन्हें डिफेंस मिनिस्ट्री के कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) के जरिए भी बेचा जा रहा है। CSD में इम्पोर्टेड ब्रांड्स नहीं बेचे जाते।
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार अल्कोहल मार्केट पर रिसर्च करने वाली कंपनी IWSR के मुताबिक साल 2023 में भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री 75% से ज्यादा बढ़ी थी। इसके बाद ये स्कॉच व्हिस्की की बिक्री से सिर्फ 9000 नौ-लीटर केस पीछे रह गई थी।
कितनी बढ़ गई सिंगल माल्ट की बिक्री?आईडब्ल्यूएसआर ने आगे कहा कि साल 2024 में भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री 25% से ज्यादा बढ़ गई। इस वजह से ये स्कॉच व्हिस्की से काफी आगे निकल गई। आईडब्ल्यूएसआर ने ये नहीं बताया कि किस भारतीय या स्कॉटिश सिंगल माल्ट की बिक्री सबसे ज्यादा हुई।
साल 2024 में सिंगल माल्ट स्कॉच की बिक्री गिर गई। ये गिरावट 2020 में कोरोना महामारी के दौरान हुई गिरावट से भी ज्यादा थी। ऐसा लगता है कि अब कई लोगों का ध्यान स्कॉच से हटकर भारतीय सिंगल माल्ट पर चला गया है।
क्या है सिंगल माल्ट?सिंगल माल्ट का मतलब है एक ही डिस्टिलरी में बनी व्हिस्की। इसे इसके खास स्वाद के लिए जाना जाता है। ये व्हिस्की के अलग-अलग ब्रांड्स को मिलाकर नहीं बनाई जाती। अमृत और पॉल जॉन, भारत के पहले सिंगल माल्ट ब्रांड थे। इन्हें 2000 के दशक में लॉन्च किया गया था। पिछले तीन सालों में कई नए सिंगल माल्ट बनाने वाली कंपनियां सामने आई हैं। इनमें पिकैडली एग्रो (जिसने Indri और Kamet लॉन्च किया) और रेडिको खेतान (जिसने Rampur सिंगल माल्ट लॉन्च किया) शामिल हैं।
क्या पसंद आ रही भारतीय व्हिस्की?अमृत डिस्टिलरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर रक्षित जगदाले ने कहा, 'लोग अब भारतीय सिंगल माल्ट को भी खरीदते हैं। वे इसे दूसरी विदेशी व्हिस्की के साथ रखते हैं। क्योंकि इसकी क्वालिटी, पैकेजिंग और कीमत, इम्पोर्टेड व्हिस्की से बेहतर है। ऐसा ही कुछ साल पहले जापानी माल्ट के साथ हुआ था। भारतीय माल्ट को राष्ट्रवाद का भी फायदा मिल रहा है। अब लोगों को लगता है कि भारतीय सिंगल माल्ट, स्कॉच से बेहतर है।'
दुकानों से हुई बिक्रीमार्केट में कई नए भारतीय सिंगल माल्ट ब्रांड्स आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी जो बिक्री दिख रही है, वो दुकानों को हुई बिक्री है। अभी ये देखना बाकी है कि लोग इसे कितना पसंद करते हैं। इन ब्रांड्स की वजह से अब दुकानों में ज्यादा विकल्प मौजूद हैं। साथ ही, इन्हें डिफेंस मिनिस्ट्री के कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) के जरिए भी बेचा जा रहा है। CSD में इम्पोर्टेड ब्रांड्स नहीं बेचे जाते।
You may also like
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ की सख्त कार्रवाई
Canada PR: एक-दो नहीं, 25 तरह की जॉब्स करने वालों को PR दे रहा कनाडा, अप्लाई करने से पहले जान लें शर्तें
Aaj Ka Panchang (आज का पंचांग), 4 June 2025: आज ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
राजस्थान से दिल्ली जाने यात्रीगण कृपया ध्यान दें, समर वेकेशन से पहले डबल डेकर सहित ये ट्रेनें रद्द
आईपीएल 2025 की विनर्स लिस्ट देखिए, किसे मिले कितने पैसे, पर्पल कैप से ऑरेंज कैप तक की प्राइज मनी