नई दिल्ली: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार (10 नवंबर,2025) शाम को जिस हुंडई आई20 (i20) कार में धमाका हुआ, वह कई हाथों से गुजरते हुए, इस आतंकी वारदात के मास्टरमाइंड और फिदायीन हमलावर डॉ मोहम्मद उमर के हाथों में पहुंची थी। स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है कि धमाके वाली कार को जैश ए मोहम्मद के संदिग्ध आतंकियों तक पहुंचना इस वजह से आसान हुआ, क्योंकि कई स्तर पर लापरवाहियां बरती गईं। हम आपको यहां वह पूरी कड़ी बता रहे हैं, जिसमें यह कार असली मालिक से आत्मघाती आतंकी तक पहुंची।
सलमान से कई लोगों तक पहुंची कार
दिल्ली पुलिस ने हुंडई आई20 कार के मालिकाना हक की पूरी चेन का पता लगाने की कोशिश की है। ये कार कई बार ट्रांसफर हुई और आखिरकार यह मुख्य संदिग्ध डॉ.मोहम्मद उमर तक पहुंची। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, कार का असली मालिक मोहम्मद सलमान था, जिसने इसे पहले नदीम नाम के व्यक्ति को बेच दिया। बाद में नदीम ने इस कार को फरीदाबाद के एक यूज्ड कार डीलर रॉयल कार जोन के हवाले कर दिया।
डॉ उमर मोहम्मद तक कैसे पहुंची कार
यहां से इस कार को आमिर नाम के शख्स ने खरीदा। उसके हाथों से यह कार पुलवामा के तारिक के हाथों में पहुंच गई। तारिक के बारे में माना जा रहा है कि वह भी फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का मेंबर है। आखिरकार,जब इस कार में धमाका हुआ, तो इसे जैश ए मोहम्मद का संदिग्ध डॉ उमर मोहम्मद चला रहा था। संदेह है कि इसी ने फरीदाबाद मॉड्यूल में गिरफ्तारी के डर से लाल किला धमाके को अंजाम दिया। इस मामले में आमिर और तारिक दोनों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार का ट्रांसफर सही तरीके से नहीं होना मात्र लापरवाही थी या या फिर यह सब सोची-समझी साजिश का नतीजा है।
कार अभी भी पहले मालिक सलमान के नाम
रिकॉर्ड्स यह भी बताते हैं कि 20 सितंबर, 2025 को इसी कार का फरीदाबाद में गलत पार्किंग के लिए चालान भी कटा था। क्राइम ब्रांच इस तथ्य की भी जांच कर रही है। जांचकर्ताओं को शक है कि कार के मालिकाना हक की कड़ी को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल तो नहीं किया गया? कई लेन-देन अनौपचारिक तरीके से और बिना ठीक से ट्रांसफर प्रक्रिया के किए गए। कार का आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट-HR26CE7674) अभी भी सलमान के नाम पर है, जबकि कार कई हाथों से गुजर चुकी है।
उमर तक कार पहुंचाने का जिम्मेदार कौन?
इससे यह सवाल उठता है कि बिना आधिकारिक ट्रांसफर के कार कैसे आगे बढ़ी। इस बीच, चांदनी चौक के पास धमाके वाली जगह फिलहाल सील है। फोरेंसिक टीमें अभी भी वहां जांच कर रही हैं। यह धमाका तब हुआ जब कार धीरे-धीरे बढ़कर रेड लाइट पर रुकी हुई थी। इस धमाके से आस-पास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और दुकानों के शीशे टूट गए, जिससे भीड़भाड़ वाले इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
सलमान से कई लोगों तक पहुंची कार
दिल्ली पुलिस ने हुंडई आई20 कार के मालिकाना हक की पूरी चेन का पता लगाने की कोशिश की है। ये कार कई बार ट्रांसफर हुई और आखिरकार यह मुख्य संदिग्ध डॉ.मोहम्मद उमर तक पहुंची। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, कार का असली मालिक मोहम्मद सलमान था, जिसने इसे पहले नदीम नाम के व्यक्ति को बेच दिया। बाद में नदीम ने इस कार को फरीदाबाद के एक यूज्ड कार डीलर रॉयल कार जोन के हवाले कर दिया।
डॉ उमर मोहम्मद तक कैसे पहुंची कार
यहां से इस कार को आमिर नाम के शख्स ने खरीदा। उसके हाथों से यह कार पुलवामा के तारिक के हाथों में पहुंच गई। तारिक के बारे में माना जा रहा है कि वह भी फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का मेंबर है। आखिरकार,जब इस कार में धमाका हुआ, तो इसे जैश ए मोहम्मद का संदिग्ध डॉ उमर मोहम्मद चला रहा था। संदेह है कि इसी ने फरीदाबाद मॉड्यूल में गिरफ्तारी के डर से लाल किला धमाके को अंजाम दिया। इस मामले में आमिर और तारिक दोनों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार का ट्रांसफर सही तरीके से नहीं होना मात्र लापरवाही थी या या फिर यह सब सोची-समझी साजिश का नतीजा है।
कार अभी भी पहले मालिक सलमान के नाम
रिकॉर्ड्स यह भी बताते हैं कि 20 सितंबर, 2025 को इसी कार का फरीदाबाद में गलत पार्किंग के लिए चालान भी कटा था। क्राइम ब्रांच इस तथ्य की भी जांच कर रही है। जांचकर्ताओं को शक है कि कार के मालिकाना हक की कड़ी को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल तो नहीं किया गया? कई लेन-देन अनौपचारिक तरीके से और बिना ठीक से ट्रांसफर प्रक्रिया के किए गए। कार का आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट-HR26CE7674) अभी भी सलमान के नाम पर है, जबकि कार कई हाथों से गुजर चुकी है।
उमर तक कार पहुंचाने का जिम्मेदार कौन?
इससे यह सवाल उठता है कि बिना आधिकारिक ट्रांसफर के कार कैसे आगे बढ़ी। इस बीच, चांदनी चौक के पास धमाके वाली जगह फिलहाल सील है। फोरेंसिक टीमें अभी भी वहां जांच कर रही हैं। यह धमाका तब हुआ जब कार धीरे-धीरे बढ़कर रेड लाइट पर रुकी हुई थी। इस धमाके से आस-पास की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और दुकानों के शीशे टूट गए, जिससे भीड़भाड़ वाले इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
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