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देर रात घर में आग लगने से पैरालिसिस से ग्रस्त वृद्ध दंपति की जलकर मौत, मदद के लिए चिल्ला भी नहीं सके दोनों

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विशाल वर्मा, बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक दर्दनाक घटना घटित हुई जिसमें एक वृद्ध दंपति की आग लगने से मौत हो गई। घटना रात के समय घर में आग लगने की वजह से हुई, जिसमें दोनों पति-पत्नी जलकर खाक हो गए। ऐसा बताया जा रहा है कि बीड़ी जलाने के दौरान निकली चिंगारी से आग लगी होगी। दोनों दंपत्ति पैरालाइसिस से पीड़ित होने के कारण मदद के लिए चिल्ला भी नहीं सके। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। और पूरे मामले की जांच में जुट गई है। क्या है पूरी घटना?वहीं, मृतकों की पहचान महावीर सिंह (80) और उनकी पत्नी गोमती देवी (78) के रूप में हुई है। उनका बेटा रूप सिंह कश्यप बढ़ापुर बस स्टैंड पर होटल चलाता है। वृद्ध दंपति गांव में अपने मकान की छत पर बने कमरे में रहते थे, जबकि परिवार के अन्य सदस्य नीचे के हिस्से में रहते थे। रात के समय परिवार वाले नीचे सोने चले जाते थे, जबकि वृद्ध दंपति ऊपर ही रुकते थे। कैसे लगी आग?परिजनों के अनुसार, महावीर सिंह को बीड़ी पीने की आदत थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि रात में बीड़ी जलाने के दौरान माचिस की चिंगारी से बिस्तर में आग लग गई। चूंकि दोनों पैरालाइसिस से ग्रस्त थे, इसलिए वे आवाज नहीं लगा पाए और आग में जलकर उनकी मौत हो गई। कैसे मिली जानकारी?सुबह के समय पड़ोसियों ने मकान से धुआं उठता देखा और परिवार वालों को सूचित किया। जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो कमरा धुएं से भरा हुआ था और दोनों की जलकर मौत हो चुकी थी। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि पैरालाइसिस के कारण वे ना तो हिल-डुल सकते थे और न ही मदद के लिए आवाज लगा सकते थे। परिजनों ने बताया कि गोमती देवी कई सालों से पैरालाइसिस से पीड़ित थीं, जबकि महावीर सिंह को यह बीमारी महज एक सप्ताह पहले ही हुई थी। उनकी शारीरिक स्थिति ऐसी थी कि वे बिना सहारे चल-फिर भी नहीं सकते थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक मृदुल कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे, लेकिन प्रक्रिया के तहत पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
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