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रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वामी सुप्रदीप्तानंद से 2.5 करोड़ की ठगी मामला, एमपी से दुबई के बैंक तक हाथ, जानें पूरा मामला

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ग्वालियर: ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव के साथ 2।53 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। यह ठगी 26 दिनों तक चली। ठगों ने सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी बनकर आश्रम के सचिव को धोखा दिया। उन्होंने अलग-अलग बहानों से आश्रम के बैंक खातों से पैसे निकलवाए। इस मामले में प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली, केरल, रुड़की, मणिपुर, गुवाहाटी, छतरपुर और दुबई तक के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस और साइबर क्राइम सेल मामले की जांच कर रही हैं।रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव से हुई ठगी का मामला अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। इस संगठित साइबर ठगी ने जांच एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है। ठगी के नेटवर्क में कई शहरों और देशों के बैंक खाते शामिल हैं। कई तरीके के ठगे गए सचिवपुलिस अधिकारियों के अनुसार ठगों ने आश्रम के सचिव को फंसाने के लिए कई तरीके अपनाए। उन्होंने खुद को सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन), ED (प्रवर्तन निदेशालय), फाइनेंस इंटेलिजेंस यूनिट, महाराष्ट्र पुलिस और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट का अधिकारी बताया। इन ठगों ने 26 दिनों तक अलग-अलग बहानों से आश्रम के बैंक खातों से पैसे निकलवाए। इस दौरान कुल 2.53 करोड़ रुपये कई खातों में ट्रांसफर किए गए। खातों की कई परतों का इस्तेमाल जांच में पता चला है कि 10 लाख रुपये उज्जैन में ही निकाले गए थे। सबसे बड़ा ट्रांजेक्शन प्रयागराज के एक खाते में हुआ। वहां 1.30 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। यह पैसा आगे और कई खातों में भेजा गया। इससे ठगी की परतें और भी जटिल हो गई हैं। पुलिस का कहनाएसपी धर्मवीर सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम सेल और दूसरी एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जानकारियां बहुत संवेदनशील हैं, इसलिए उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। लेकिन पुलिस और साइबर टीमें अलग-अलग बैंकों से लेनदेन का डेटा इकट्ठा कर रही हैं। वे संदिग्ध खातों की पहचान कर रही हैं। इसके अलावा, फॉरेंसिक डिजिटल जांच भी शुरू कर दी गई है। इससे ट्रांजेक्शन की कड़ियों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
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