नेपाल में राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर राजतंत्र समर्थक गुट ने दो महीने बाद एक बार फिर से प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन गुरुवार को काठमांडू के रत्नपार्क में आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगदेन ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण, नागरिक नियम और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर आधारित होगा। उन्होंने साफ किया कि प्रदर्शन को प्रशासन की अनुमति मिले या नहीं, इसे रत्नपार्क में ही किया जाएगा।
लिंगदेन ने कहा, “हमारा प्रदर्शन हिंसक नहीं होगा। यह पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में रहेगा और रिंग रोड के बाहर नहीं जाएगा। प्रशासन अनुमति नहीं भी देता है, तब भी हम रत्नपार्क में ही शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
लिंगदेन ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी के कार्यक्रम में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
लिंगदेन ने कहा, “प्रधानमंत्री ओली की मंशा स्पष्ट है कि वे गुरुवार को अशांति फैलाना चाहते हैं। उन्होंने जो बयान दिया है, वह बेहद आपत्तिजनक है। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। हमने पार्क में शांतिपूर्ण कार्यक्रम की घोषणा की थी, लेकिन प्रधानमंत्री की पार्टी उसी क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं को बुला रही है, जिससे टकराव की स्थिति बन सकती है। पत्रकारों को इस विषय पर निष्पक्ष रिपोर्टिंग करनी चाहिए।”
इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न राजतंत्रवादी और हिंदू राष्ट्र समर्थक संगठन भी एकजुट हो रहे हैं, जो नेपाल में गणतंत्र, संघीयता और धर्मनिरपेक्षता को खत्म कर राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग कर रहे हैं।
इस बीच राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल (आरपीपी-एन) के अध्यक्ष कमल थापा ने बताया कि अब तक बिखरे हुए और निष्क्रिय राजतंत्रवादी गुट एकजुट हो गए हैं।
थापा ने कहा, “हम अब एकता की ओर बढ़ चुके हैं। यह समय उपयुक्त है कि हम गणतंत्र, संघीयता और धर्मनिरपेक्षता को समाप्त करने की दिशा में ठोस पहल करें। यह वैचारिक लड़ाई है और हमें अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि जनता और राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनती है, तो पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के पोते हृदयेंद्र शाह को नेपाल का अगला राजा बनाया जा सकता है।
थापा ने कहा, “यदि ज्ञानेंद्र शाह को लेकर लोगों को कोई संकोच हो, तो हृदयेंद्र शाह को भी विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। राजतंत्र किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं, यह एक विचारधारा है। उत्तराधिकारी वही होना चाहिए, जो पृथ्वीनारायण शाह के वंश से हो। कौन होगा, यह राष्ट्रीय सहमति से तय होना चाहिए।”
28 मार्च को काठमांडू के टिंकुने क्षेत्र में हुए राजतंत्र समर्थक प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। उस समय हुई हिंसा में लगभग 460 मिलियन नेपाली रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
‘आग से खेल रहे हैं पुतिन’, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ट्रंप ने फिर दी चेतावनीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में 'आग से खेल रहे' हैं। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के जल्द खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे।
ट्रंप ने मंगलवार को अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा, "व्लादिमीर पुतिन को यह एहसास नहीं है कि अगर मैं नहीं होता, तो रूस के साथ बहुत बुरी चीजें पहले ही हो चुकी होती और सचमुच मेरा मतलब यह है कि बहुत बुरी चीजें। वह आग से खेल रहे हैं।"
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने रविवार को पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की दोनों पर तीखी टिप्पणियां की थीं।
ट्रंप ने न्यू जर्सी के मॉरिसटाउन से वाशिंगटन लौटने के लिए एयर फोर्स वन में चढ़ने से पहले पत्रकारों से कहा, "मैं पुतिन के कामों से खुश नहीं हूं।"
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि पुतिन को आखिर क्या हो गया है।"
हालांकि, रविवार शाम को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि पुतिन "पूरी तरह पागल हो गए हैं।"
इसके बाद उन्होंने जेलेंस्की पर भी टिप्पणी की और कहा कि वह अपने देश का "कोई भला नहीं कर रहे" क्योंकि वह जिस तरह बात कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है। यह टिप्पणी जेलेंस्की के रविवार को रूस के हालिया हमलों पर अमेरिका की चुप्पी की आलोचना करने वाले बयानों के जवाब में थी।
ट्रंप प्रशासन ने हाल के महीनों में चेतावनी दी है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम के लिए चल रही निराशाजनक बातचीत से पीछे हट सकता है।
ट्रंप की बढ़ती आलोचना के जवाब में रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "ट्रंप के पुतिन के 'आग से खेलने' और रूस के साथ 'वास्तव में बुरी चीजें' होने के बयान के बारे में, मुझे केवल एक वास्तव में बुरी चीज की जानकारी है- तीसरा विश्व युद्ध। मुझे उम्मीद है कि ट्रंप इसे समझते हैं।"
सभी देशों के लिए समान, अविभाज्य सुरक्षा संरचना कायम होनी चाहिए: पुतिनरूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने समानता और अविभाज्यता के सिद्धांतों पर आधारित एक नयी वैश्विक सुरक्षा संरचना कायम करने का बुधवार को आह्वान किया।
सुरक्षा मुद्दों से जुड़े उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों के 13वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने वीडियो संबोधन में रूसी नेता ने कहा कि उपस्थित लोग दुनियाभर का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को अधिक सक्रिय रूप से बेहतर बनाना चाहते हैं।
सम्मेलन में 100 से अधिक देशों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा, "वे संप्रभु समानता के सिद्धांत और विकास के अपने स्वयं के मॉडल के अधिकार को भी कायम रखते हैं।"
पुतिन ने कहा कि जहां तक रूस का सवाल है, उसका दृष्टिकोण सैद्धांतिक एवं अपरिवर्तित बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है और मैं इसे दोहराऊंगा: हमें लगता है कि नयी सुरक्षा संरचना समान और अविभाज्य होनी चाहिए, यानी सभी देशों को अपनी सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए, लेकिन दूसरे देशों की सुरक्षा एवं हितों की कीमत पर नहीं।’’
रूस ने 120 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों को आमंत्रित किया है, जिनमें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) संगठन और एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को 27-29 मई को आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन मौसमी फ्लू के कारण अस्वस्थता की वजह से वह ऐसा नहीं कर सके।
रूस में राजदूत विनय कुमार भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सिंगापुर में कबूतरों को दाना डालने के लिए भारतीय मूल की बुजुर्ग महिला पर जुर्माना लगाया गयासिंगापुर में अपने अपार्टमेंट के निकट अवैध रूप से कबूतरों को दाना डालने के आरोप में बुधवार को भारतीय मूल की एक महिला पर 1,200 सिंगापुरी डॉलर (930 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया।
‘चैनल न्यूज एशिया’ की खबर के अनुसार सनमुगमनाथन शामला (70) ने वन्यजीव अधिनियम के तहत जंगली पक्षियों को भोजन खिलाने के दो मामलों में दोष स्वीकार किया।
राष्ट्रीय उद्यान बोर्ड (एनपार्क) के कबूतर पकड़ने की कवायद में बाधा डालने समेत 11 आरोपों पर विचार किया गया।
शामला को उस समय पकड़ा गया जब एनपार्क्स के प्रवर्तन अधिकारियों ने लोरोंग (लेन) 4 तोआ पायोह स्थित उनके घर के पास जांच की।
ग्यारह अप्रैल, 2023 को लगभग चार बजे अधिकारियों ने महिला को पक्षियों को दाना खिलाते हुए देखा और उन्हें ऐसा करने से मना किया क्योंकि यह एक अपराध था।
वन्यजीव अधिनियम के तहत, एनपार्क के वन्यजीव प्रबंधन महानिदेशक की लिखित अनुमति के बिना वन्यजीवों को खाद्य पदार्थ खिलाना अवैध कृत्य है।
चेतावनी के बाद भी, शामला ने नवंबर 2024 तक कई बार जंगली पक्षियों को खाना खिलाना जारी रखा।
एनपार्क्स के अभियोजक लिम चोंग हुई ने बताया कि 19 फरवरी को शामला ने एनपार्क्स अधिकारियों को उनके घर के पास कबूतर पकड़ने के काम में बाधा पहुंचाई।
जब न्यायाधीश ने महिला से कहा कि यदि उन्होंने जुर्माना नहीं भरा तो उन्हें दो दिन जेल में रहना पड़ेगा, तो शामला ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि स्वास्थ्य के मद्देनजर मैं जेल में रहने के लिए उपयुक्त हूं।’’
खबर के अनुसार, महिला ने बुधवार को पूरा जुर्माना अदा कर दिया।
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