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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले कांग्रेस का हमला, उठाए 8 अहम सवाल, सरकार को घेरा

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लोकसभा में कल से पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 16 घंटे की बहस शुरू होने जा रही है। इस बहस से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

जयराम रमेश ने 8 अहम घटनाओं और बिंदुओं का जिक्र करते हुए सरकार की रणनीति, पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि भले ही सरकार ने कांग्रेस की मांग को पहले नजरअंदाज किया हो, लेकिन “देर आए, दुरुस्त आए” की तर्ज पर बहस का फैसला स्वागत योग्य है।

बहस की पृष्ठभूमि में उठाए प्रमुख मुद्दे:

पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल 2025)

जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को अब तक सजा क्यों नहीं मिली। उन्होंने दावा किया कि ये आतंकी पहले भी पुंछ, गगनगीर और गुलमर्ग में हुए हमलों में शामिल थे।

प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता नहीं की

कांग्रेस महासचिव ने उल्लेख किया कि हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री ने की, जबकि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से नेतृत्व की मांग की थी।

DS का रणनीतिक खुलासा (30 मई)

जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआती रणनीतिक गलतियों पर खुलासा किया। रमेश ने सवाल उठाया कि इस तरह के अहम बयान भारत में क्यों नहीं दिए गए।

राजनयिक और सैन्य टकराव

जकार्ता में तैनात भारतीय रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने आरोप लगाया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते सैन्य अभियान बाधित हुए।

डिजिटल और साइबर मोर्चा

उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के हवाले से रमेश ने दावा किया कि भारत को चीन से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों स्तरों पर मुकाबला करना पड़ा।

उपराज्यपाल का कूबलनामा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पहलगाम हमले को सुरक्षा तंत्र की विफलता बताने को जयराम रमेश ने महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान माना।

अमेरिका की भूमिका और ट्रंप का दावा

जयराम रमेश ने बताया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब तक 26 बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया। ट्रंप ने भारत पर व्यापार बंद करने की धमकी दी थी और यह भी दावा किया कि 5 भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए गए।

मीडिया मैनेजमेंट पर निशाना

जयराम रमेश ने कुछ भारतीय मीडिया चैनलों पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी प्रबंधकों के इशारे पर अतिशयोक्तिपूर्ण रिपोर्टिंग कर एक असली संकट को "प्रचार अभियान" में बदलने की कोशिश की।

वाजपेयी काल की पारदर्शिता का उल्लेख

जयराम रमेश ने याद दिलाया कि करगिल युद्ध के बाद वाजपेयी सरकार ने तुरंत करगिल समीक्षा समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट संसद में पेश की गई और उस पर चर्चा भी हुई। उन्होंने सवाल किया कि आज की सरकार क्यों इस पारदर्शिता और जवाबदेही से पीछे हट रही है।

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