भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव के बीच आज एक अहम मोड़ आ सकता है। डीजीएमओ स्तर की बैठक में जहां एक ओर युद्धविराम को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी, वहीं भारत के रुख से यह भी साफ है कि अब बातचीत केवल पाकिस्तान-आधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंक के आकाओं को सौंपे जाने जैसे ठोस मुद्दों पर ही होगी। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई ने इस वार्ता को सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि निर्णायक बनाने की जमीन तैयार कर दी है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है — क्या पाकिस्तान भारत की शर्तों को मानते हुए पीछे हटेगा, या हालात एक बार फिर जंग के मुहाने तक पहुंच जाएंगे?
भारत और पाकिस्तान में युद्धविराम लागू है। रक्षा सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में रात शांतिपूर्ण रही। हाल के दिनों में पहली बार किसी भी तरह की घटना की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उधर, आज दोनों देशों के डीजीएमओ युद्धविराम की वार्ता को लेकर बैठक करेंगे। इस बैठक से यह तय किया जाएगा कि सीजफायर को आगे बढ़ाया जाए या नहीं!
भारत की स्पष्ट नीति: PoK की वापसी और आतंकवादियों का प्रत्यर्पण
भारत ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया है कि पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत केवल दो शर्तों पर होगी:
1. PoK की वापसी: भारत का मानना है कि पाकिस्तान-आधिकृत कश्मीर भारतीय क्षेत्र है, और उसकी वापसी भारत का अधिकार है।
2. आतंकवादियों का प्रत्यर्पण: भारत ने पाकिस्तान से उन आतंकवादियों को सौंपने की मांग की है जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं।
यदि पाकिस्तान इन शर्तों पर सहमत होता है, तो भारत बातचीत के लिए तैयार है। अन्य किसी मुद्दे पर बातचीत की संभावना भारत ने खारिज कर दी है।
इससे पूर्व सरकारी सूत्रों ने कहा है, "हमारा कश्मीर पर दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है, और इसमें एक ही मुद्दा बाकी है - पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी। इसके अलावा, बात करने के लिए और कोई मुद्दा नहीं है। यदि पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हम किसी और विषय पर बातचीत नहीं करेंगे। हमें किसी मध्यस्थ की भी आवश्यकता नहीं है।" सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम में हुआ हमला एक अलग मामला था और पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय कार्रवाई, चालीस वर्षों से चल रहे आतंकवाद का परिणाम थी।
भारतीय सेना ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान के दावों की पोल खोली। सेना ने जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो हमारे लक्ष्य थे, वो हासिल कर लिए गए हैं। हमने पाकिस्तान की नापाक हरकत का कई गुना मुंह तोड़ जवाब दिया। सेना ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के 40 जवान और अफसर मारे गए। इसके अलावा आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक में कम से कम 100 आतंकी मारे गए, जिनमें तीन बड़े आतंकी शामिल हैं।
मारे गए इन तीन खूंखार आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी और मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर शामिल है। अजहर 1999 के IC-814 विमान अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था। वह पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के प्रशिक्षण केंद्र का प्रमुख था। लश्कर-ए-तैयबा का सीनियर आतंकी अब्दुल मलिक रऊफ भी ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया। यह भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल था। उसकी मौत से लश्कर की संरचना को बड़ा झटका लगा है। तीसरे आतंकी का नाम मुदस्सर अहमद है, यह लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य है, जो आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण में शामिल था। वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सक्रिय था।
You may also like
राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में सतर्कता बढ़ी, स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट फिर से शुरू
नैनीताल में तीन दिन बाद फिर बारिश, येलो अलर्ट
रफ्तार का कहर, ब्रेक फेल हाेने के बाद बस ने 8 गाड़ियों को टक्कर मारी, एक की माैत
विराट कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट पर BCCI ने तोड़ी चुप्पी, “एक युग का अंत हुआ लेकिन…”
भारत में छोटे प्राइवेट एयरपोर्ट का पूंजीगत व्यय अगले तीन वित्त वर्षों में 50-60 प्रतिशत बढ़ेगा : क्रिसिल