उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) की कैराना से सांसद इकरा हसन ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रदेश में “अघोषित आपातकाल” की स्थिति है। दरअसल, इकरा हसन को बरेली में हाल ही में हुई हिंसा के बाद शहर का दौरा करने से पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।
बरेली के कोतवाली इलाके में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद उस समय तनाव फैल गया था, जब मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि यह विरोध उस वक्त भड़क उठा जब पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति देने से इंकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में “आई लव मुहम्मद” लिखे पोस्टर थे। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
सपा नेताओं को रोका गया रास्ते में
शनिवार को सपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। इसी दौरान सांसद इकरा हसन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“मैं उत्तर प्रदेश की नागरिक हूं और इस राज्य से ही जनता द्वारा चुनी गई जनप्रतिनिधि हूं। हमने सोचा कि बरेली जाकर लोगों से मिलें, समझें कि उनके साथ क्या हो रहा है और सरकार कैसे पेश आ रही है। लेकिन हमें रोक दिया गया।”
"देश में घूमना हमारा अधिकार है"
इकरा हसन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार विपक्षी नेताओं की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा,
“देश के किसी भी कोने में जाने से रोकने का कोई कानून नहीं है। हमारे पास न कोई लिखित आदेश था, न कोई नोटिस। इसका सीधा मतलब है कि उत्तर प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है।”
“हम चुप नहीं बैठेंगे”
सपा सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि वे पीछे हटने वाली नहीं हैं। उनके शब्दों में, “हम बरेली जरूर जाएंगे — चाहे आज, कल या दस दिन बाद। यह हमारी जिम्मेदारी है कि सच्चाई जनता के सामने लाएं और इस सरकार के असली इरादों का पर्दाफाश करें।”
इकरा हसन के इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी पुलिस की कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है, जबकि प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
बरेली में तनाव बरकरार
इस बीच, बरेली प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। शहर के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। वहीं, विपक्ष इसे सरकार की असहिष्णुता बता रहा है और स्वतंत्र आवाज़ों को दबाने का आरोप लगा रहा है।
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