देश में पिछले कुछ समय से इथेनॉल के इस्तेमाल को लेकर विवाद चर्चा का विषय रहा। कई लोगों का कहना था कि वाहनों में इथेनॉल के मिश्रण से इंजन खराब हो रहे हैं। मामला इतना बढ़ा कि सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। इस पूरी बहस में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी उछाला गया और उन पर आरोप लगाए गए कि वह इससे लाभ कमा रहे हैं। लेकिन कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया।
गडकरी ने अब इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नागपुर में आयोजित एग्रीकोस वेलफेयर सोसाइटी के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा— "मेरा दिमाग मुझे हर महीने 200 करोड़ रुपये कमाकर देता है। मुझे पैसों की कमी नहीं है। मैं न तो गिरता हूं और न ही दलाली करता हूं।"
किसानों के हित के लिए काम, पैसे के लिए नहीं
गडकरी ने कहा कि उनका हर प्रयोग और निर्णय किसानों के हित में होता है। उनका उद्देश्य अधिक कमाई करना नहीं बल्कि किसानों को मजबूत बनाना है। उन्होंने साफ कहा— "लोग सोचते हैं कि मैं पैसा बनाने के लिए यह सब करता हूं। लेकिन मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं और मुझे दलाल समझने की गलती न करें।"
राजनीति और समाज पर कटाक्ष
अपने भाषण में उन्होंने राजनीति के तौर-तरीकों पर भी टिप्पणी की। गडकरी ने कहा कि नेताओं को लोगों को आपस में लड़वाना बखूबी आता है। यही वजह है कि कई बार पिछड़ापन भी एक राजनीतिक स्वार्थ में तब्दील हो जाता है।
"मैं संत नहीं, एक जिम्मेदार इंसान हूं"
गडकरी ने स्वीकार किया कि वे कोई साधु-संत नहीं हैं, बल्कि परिवार और जिम्मेदारियों वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा—
"मेरा भी परिवार है, मेरा भी घर है। मैं नेता जरूर हूं, लेकिन किसान आत्महत्याएं मुझे बेचैन करती हैं। विदर्भ में 10,000 किसानों ने जान दी, यह शर्म की बात है। जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे, हमारी कोशिशें थमने वाली नहीं हैं।"
बेटे के कारोबार का जिक्र
कार्यक्रम में गडकरी ने अपने बेटे के बिजनेस पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि वे बेटे को सिर्फ सुझाव देते हैं और आइडिया साझा करते हैं। गडकरी ने बताया— "मेरा बेटा आयात-निर्यात का काम करता है। हाल ही में उसने ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगाए और भारत से 1,000 कंटेनर केले भेजे। उसने गोवा से 300 कंटेनर मछली सर्बिया पहुंचाई। ऑस्ट्रेलिया में मिल्क पाउडर फैक्ट्री लगाई और अबू धाबी सहित कई देशों में 150 कंटेनर एक्सपोर्ट किए।"
इसके अलावा उन्होंने बताया कि बेटा आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें भी चला रहा है। गडकरी ने कहा— "मुझे पाँच लाख टन चावल का आटा चाहिए, जिसके लिए वह मिलें चलाता है और मुझे आटा सप्लाई करता है। यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे बिजनेस माइंडसेट कृषि क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा कर सकता है।"
इथेनॉल विवाद पर सफाई
गडकरी ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि इथेनॉल विवाद के दौरान जो आरोप लगाए गए थे कि उनका बेटा इससे फायदा उठा रहा है, वे पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि उनका बेटा स्वतंत्र रूप से कई कारोबार चलाता है और किसी सरकारी फैसले से उसे सीधा लाभ नहीं दिया गया।
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