GST काउंसिल की 56वीं बैठक से आम जनता, किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा आई है। त्यौहारों से पहले सरकार ने टैक्स ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए कई ज़रूरी चीज़ों को पूरी तरह जीएसटी से बाहर कर दिया है। अब देश में केवल दो ही जीएसटी स्लैब बचेंगे – 5% और 18%। इस फैसले से रोज़मर्रा के खर्च में सीधा असर देखने को मिलेगा।
बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (3 सितंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूध, पनीर, रोटी जैसे खाद्य पदार्थों से लेकर दवाओं और शिक्षा सामग्री तक को टैक्स-फ्री कर दिया गया है। वहीं, ट्रैक्टर के कुछ पार्ट्स और कई घरेलू वस्तुओं पर टैक्स दरें कम कर दी गई हैं।
खाने-पीने के इन सामानों पर अब नहीं लगेगा कोई जीएसटी
पहले जिन खाद्य पदार्थों पर 5% से 18% तक जीएसटी देना पड़ता था, वे अब पूरी तरह टैक्स फ्री हो चुके हैं। इसमें शामिल हैं –
- रेडी टू ईट रोटी
- रेडी टू ईट पराठा
- सभी तरह की ब्रेड
- पिज्जा
- पनीर
- यूएचटी दूध
- छेना
इस बदलाव से आम उपभोक्ता के लिए रोज़मर्रा की थाली और सस्ती हो जाएगी।
शिक्षा सामग्री पर टैक्स से राहत
छात्रों और अभिभावकों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा से जुड़े सामानों को जीएसटी से बाहर कर दिया गया है। अब पेंसिल से लेकर नोटबुक तक खरीदते समय किसी अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं होगा। लिस्ट इस प्रकार है –
- पेंसिल
- रबर
- कटर
- नोटबुक
- ग्लोब
- मानचित्र
- प्रैक्टिस बुक
- ग्राफ बुक
इससे शिक्षा का खर्च कुछ हद तक कम होगा और छात्रों को सीधी राहत मिलेगी।
दवाओं और हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़ा फैसला
काउंसिल ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी राहत की बरसात की है। अब 33 जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया है। पहले इन पर 12% जीएसटी देना पड़ता था। इसके अलावा हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियों को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, जिससे प्रीमियम की रकम घटेगी।
किन चीजों पर टैक्स दरें घटीं
कुछ वस्तुओं को टैक्स फ्री तो नहीं किया गया, लेकिन उनकी जीएसटी दरों को घटाकर किफायती बना दिया गया है।
- टूथ पाउडर, दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, साइकिल, बांस का फर्नीचर और कंघी पर अब 12% की जगह केवल 5% जीएसटी लगेगा।
- शैम्पू, साबुन, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर और हेयर ऑयल पर टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- ट्रैक्टर के पार्ट्स पर जीएसटी दर को घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है। पहले यह 18% थी।
असर आम लोगों और कारोबार पर
इस टैक्स सुधार से सरकार को कुछ राजस्व हानि ज़रूर होगी, लेकिन काउंसिल का मानना है कि यह कदम जनता के लिए राहतकारी साबित होगा। रोज़मर्रा के खर्च घटने से उपभोग बढ़ेगा और छोटे व्यवसायियों को भी फायदा होगा। वहीं, किसानों के लिए ट्रैक्टर और उसके उपकरण सस्ते होने से कृषि लागत में कमी आ सकती है।
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