भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीति की गलियों में हलचल मचा दी है। न केवल सत्ता पक्ष, बल्कि विपक्ष भी इस फैसले से हतप्रभ नजर आया। स्वाभाविक था कि देशभर में इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। इन्हीं प्रतिक्रियाओं में से एक पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तीखा तंज कसा है।फ़िल्म में कादर खान जी का रोल विपक्ष चरितार्थ कर रहा है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 22, 2025
NEW DELHI, Dec 10 (Reuters) - Indian opposition parties moved on Tuesday to impeach Vice President Jagdeep Dhankhar, a spokesman said, accusing him of being partisan in his role as chairman of parliament's upper house, in a… https://t.co/hyTQbT98HY
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर एक पोस्ट शेयर की। उन्होंने इस कदम को अप्रत्याशित बताते हुए धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। साथ ही उन्होंने यह भी इशारा किया कि हो सकता है इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति हो।
निशिकांत दुबे का तीखा पलटवार
कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया पर झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने जवाबी हमला किया। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, "फिल्मों में कादर खान जिस तरह की भूमिका निभाते थे, वही आज विपक्ष निभा रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले तो इन्हीं लोगों ने उन्हें हटाने का प्रस्ताव रखा था, अब उनके स्वास्थ्य की चिंता जता रहे हैं। कम से कम व्यक्ति के स्वास्थ्य का तो ख्याल रखें!"
पुराने आरोपों का भी किया जिक्र
निशिकांत दुबे ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा कि विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ महाभियोग चलाने की बात कही थी। उन पर उच्च सदन के सभापति के रूप में पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया गया था। दुबे ने इस घटनाक्रम को देश के इतिहास में पहली बार बताया।
जयराम रमेश ने क्या कहा था?
जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा, "उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है। शाम को मैं उनके साथ एक बैठक में था, जहां कई सांसद भी मौजूद थे। शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर भी बातचीत हुई थी।"
उन्होंने यह भी कहा, "निःसंदेह उपराष्ट्रपति को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन इस इस्तीफे के पीछे जो कुछ दिख रहा है, उससे कहीं अधिक गहराई है।"
इस तरह उपराष्ट्रपति के इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है, जहां एक ओर चिंता है, तो दूसरी ओर सवाल भी उठ रहे हैं कि इस अप्रत्याशित कदम के पीछे वास्तव में क्या है।
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