रत्नागिरी, 30 अगस्त . महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में प्रेम प्रसंग हत्याकांड का खुलासा हुआ है. 26 वर्षीय भक्ति जितेंद्र मयेकर की हत्या उसके प्रेमी द्वारा कर दी गई. यह घटना तब सामने आई, जब युवती के लापता होने के 13 दिन बाद उसका शव आंबा घाट से बरामद किया गया.
भक्ति जितेंद्र मयेकर रत्नागिरी तालुका के मिरजोले इलाके की रहने वाली थी और 17 अगस्त से लापता थी. परिजनों ने युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी. इसके बाद से पुलिस और अपराध अन्वेषण शाखा लगातार उसकी तलाश में जुटी थी.
जांच के दौरान पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे, जिससे शक की सुई भक्ति के खंडाला निवासी प्रेमी की ओर घूमी. पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका विवाह तय हो गया था, जिससे भक्ति नाराज थी. इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनाव और विवाद बढ़ने लगा. इन झगड़ों ने आखिरकार एक खूनी मोड़ ले लिया.
आरोपी ने कबूला कि उसने भक्ति को बहाने से आंबा घाट बुलाया और वहीं उसकी हत्या कर दी. शव को उसने घाट की खाई में फेंक दिया था ताकि कोई सबूत न बचे.
Saturday को रत्नागिरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने राजू काकडे हेल्प अकादमी के स्वयंसेवकों की मदद से इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया. यह कार्रवाई देर रात तक चली और आखिरकार शव को घाट की खाई से बरामद कर लिया गया.
पुलिस के अनुसार, शव की हालत खराब हो चुकी थी, लेकिन पहचान के कुछ आधार मिलने से पुष्टि हो सकी कि यह भक्ति मयेकर का ही शव है.
रत्नागिरी पुलिस का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और आगे की जांच तेजी से की जा रही है. आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया चल रही है.
–
वीकेयू/डीएससी
You may also like
100 साल पहले हुई थी वाघ बकरी चाय की स्थापना, ऊंच नीच के भेदभाव के खिलाफ देती है संदेश
पत्नी ने दिया बेटे को जन्म, चेहरे देख डर गया पति, बोला- ये मेरा नहीं एलियन का बच्चा है.. पत्नी को छोड़ भाग गया पति
ब्लैक वाटर: महंगे पानी की खासियत और सेलिब्रिटीज की पसंद
जानिए अफगानिस्तान की बच्चाबाजी प्रथा के बारे में, जो खड़े कर देगी आपके रोंग…
एक गाँव के एक जमींदार ठाकुर बहुत वर्षों से बीमार थे। इलाज करवाते हुए कोई डॉक्टर कोई वैद्य नहीं छोड़ा कोई टोने टोटके करने वाला नहीं छोड़ा। लेकिन कहीं से भी थोड़ा सा भी आराम नहीं आया ! एक संत जी गाँव में आये उनके दर्शन करने वो ज़मींदार भी वहाँ गया और उन्हें प्रणाम किया। उसने बहुत दुखी मन से कहा – महात्मा