ढाका, 12 जुलाई . बांग्लादेश में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि जारी है. कई स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस साल कुल संक्रमितों की संख्या 14,069 तक पहुंच गई है और 54 लोगों की मौत हो चुकी है.
मच्छर की वजह से पैदा होने वाली इस बीमारी ने देश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में गंभीर कमियों को उजागर किया है, जिससे जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि कई गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है.
कोमिला जिले में चिंता बढ़ती जा रही है, जहां Saturday को प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, एक ही दिन में 72 नए मामले सामने आए.
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की Friday सुबह की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में ही देश भर में डेंगू के 138 नए मामले सामने आए.
उपजिला स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन अधिकारी हबीबुर रहमान के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दाउदकंडी के निजी अस्पतालों में 311 मरीजों के रक्त परीक्षण किए गए, जिनमें 72 डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई.
इनमें से 17 मरीज वर्तमान में दाउदकंडी उपजिला स्वास्थ्य परिसर में भर्ती हैं. कुल आंकड़े बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हैं: 18 जून से 12 जुलाई सुबह 10 बजे के बीच, 11,022 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 3,075 में डेंगू का निदान हुआ.
गंभीर हालत वाले कम से कम 40 लोगों को उन्नत देखभाल के लिए ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, और 10 रोगियों की कथित तौर पर मृत्यु हो गई है.
चिंताजनक बात यह है कि संक्रमितों में एक बड़ा हिस्सा स्कूल और कॉलेज के छात्रों का है, जिससे अभिभावकों और शिक्षकों में चिंता बढ़ गई है.
हालांकि यह प्रकोप भौगोलिक रूप से राजधानी के बाहर अधिक केंद्रित प्रतीत होता है, ढाका में डेंगू से संबंधित अधिकांश मौतें दर्ज की जा रही हैं. द डेली स्टार के अनुसार, इस वर्ष कुल 14,069 संक्रमणों में से 11,014 ढाका के बाहर से हैं.
हालांकि, दर्ज की गई 54 मौतों में से 28 ढाका शहर की सीमा के भीतर हुईं—जिनमें से 22 ढाका दक्षिण नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आईं.
बारिशाल संभाग 5,957 संक्रमणों के साथ एक प्रमुख हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है, और इसके अंतर्गत अकेले बरगुना जिले में 3,587 मामले दर्ज किए गए हैं.
बढ़ते खतरे के बावजूद, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की प्रतिक्रिया की तीखी आलोचना हुई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों ने इस प्रकोप से निपटने के लिए प्रशासन की एक संरचित और व्यापक रणनीति के अभाव की निंदा की है.
आलोचकों का तर्क है कि छिटपुट फॉगिंग अभियान और कभी-कभार सफाई अभियान से कुछ खास असर पड़ने वाला नहीं है. ये प्रयास डेंगू के प्राथमिक वाहक एडीज मच्छर के प्रसार को रोकने के लिए अपर्याप्त साबित हो रहे हैं.
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों, चिकित्सकों और कीट विज्ञानियों ने प्रभावी निवारक उपायों के अभाव की ओर इशारा किया है.
स्वास्थ्य सेवा ढांचे में कोई महत्वपूर्ण बदलाव न होने और एक मजबूत डेंगू प्रबंधन योजना के अभाव में शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी पर इसका खतरा बढ़ गया है.
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वीकेयू/केआर
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