पुंछ, 23 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया. ताबड़तोड़ फायरिंग में 16 पर्यटक मारे गए. इस आतंकी हमले के विरोध में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा स्थित पुंछ जिले में लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है.
इस आतंकी हमले के खिलाफ बुधवार को पुंछ के नागरिकों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर चक्का जाम और पूर्ण बंद का आह्वान किया. प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार करने और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों को रोकने की मांग की. ‘जिला सनातन धर्म सभा’ और ‘व्यापार मंडल पुंछ’ के आह्वान पर सभी समुदायों के लोग पुंछ बस अड्डे पर एकत्र हुए. सैकड़ों की संख्या में पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर चक्का जाम किया और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की.
प्रदर्शनकारियों ने पुंछ बस अड्डे से लेकर मुख्य बाजार तक रैली निकाली, जिसमें व्यापारियों, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘पाकिस्तान हाय-हाय’, ‘बेगुनाहों का कत्लेआम बंद करो’, ‘दहशतगर्दी बंद करो’ जैसे नारे गूंजते रहे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों से आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
खेतरवाल शर्मा ने कहा कि पहलगाम में हुआ यह भयानक और बर्बर नरसंहार पूरे देश के जनमानस को झकझोर देने वाला है. यह हमारे लिए सीधा खतरा है, जिसने हमारा जीना हराम कर दिया है. इसके विरोध में, पूरे देश की तरह, सीमावर्ती जिला पुंछ में भी सभी धार्मिक संस्थाओं और संगठनों ने आगे आकर आज बंद का आह्वान किया है. मैं सभी ट्रांसपोर्टर और व्यापारी भाइयों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस बंद को पूर्ण रूप से सफल बनाया. आज यहां सब कुछ ठप है. मैं केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि ऐसे जघन्य नरसंहार करने वालों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए और उन्हें ऐसा सबक सिखाया जाए कि आने वाली पीढ़ियां ऐसी सोच भी न ला सकें. जम्मू-कश्मीर का भाईचारा, जो बाहर से आने वालों को मजबूती देता है, उसे कमजोर करने की साजिश हो रही है. इस बंद के माध्यम से हम मांग करते हैं कि ऐसे लोगों को जल्द से जल्द चुनकर सजा दी जाए और उन्हें मौत के घाट उतारा जाए.
प्रदीप शर्मा ने कहा कि इतना बड़ा नरसंहार हुआ है. हमारे बहुत से लोग, जो सैलानी थे, टूरिज्म के लिए गए थे. लगभग 30-35 साल बाद कश्मीर का माहौल ठीक होने लगा था, टूरिस्ट बाहर से आने लगे थे. लेकिन कुछ ताकतें हैं, जिन्हें यह बर्दाश्त नहीं होता. आज निहत्थे टूरिस्ट्स का नरसंहार हुआ. पिछले 35 साल में, विशेष रूप से पुंछ जिले में, हमने इतना बड़ा नरसंहार नहीं देखा. निहत्थे लोगों को चुन-चुनकर गोलियां मारी गईं. मैं प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी और रक्षा मंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि इस कांटे को जड़ से उखाड़ फेंका जाए, क्योंकि ये ताकतें बार-बार कुछ न कुछ करती रहती हैं. जम्मू-कश्मीर के लोग और देश की सभी संस्थाएं इस बुरे वक्त में केंद्र सरकार के साथ हैं. केंद्र सरकार को सख्त कार्रवाई कर ऐसी ताकतों को खत्म करना चाहिए.
प्रदर्शन में शामिल एक अन्य शख्स ने कहा कि पहलगाम में इंसानियत का जो कत्ल हुआ, उससे पूरा जम्मू-कश्मीर दुख की घड़ी में शोकाकुल है. पुंछ के लोग, चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी भाइयों ने एकजुटता दिखाते हुए अपने कारोबार, व्यवसाय और ट्रांसपोर्टरों ने अपनी गाड़ियां पूरी तरह बंद कर दी हैं. इस बंद के माध्यम से हम मांग करते हैं कि इस जघन्य हरकत के दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए.
उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को आतंकियों ने हमला किया था. हमले में दो विदेशियों सहित कम से कम 16 पर्यटकों की मौत हो गई और 20 अन्य पर्यटक और स्थानीय लोग घायल हो गए. हालांकि, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. समूचे विश्व ने इस हमले की निंदा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं.
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पीएसके/केआर
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